नई दिल्ली। देश में नई शिक्षा नीति की घोषणा की जा चुकी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से आयोजित कॉन्क्लेव में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई शिक्षा नीति पर अपनी बात रखेंगे। 34 साल बाद बदलाव में लाई गई शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भविष्य की शिक्षा, रिसर्च जैसे मामलों पर चर्चा करेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के साथ होगा। इस खास मौके पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘शुक्रवार 7 अगस्त को सुबह 11 बजे मैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार पर आयोजित कॉन्क्लेव को संबोधित करूंगा। यह सम्मेलन इस बात पर जोर देगा कि भारत के शिक्षा क्षेत्र में बदलाव से युवाओं को क्या लाभ होगा।
At 11 AM on Friday, 7th August, I would be addressing the ‘Conclave on Transformational Reforms in Higher Education under National Education Policy.’
This conclave will emphasise on how the changes in India’s education sector will benefit youngsters. https://t.co/JkYXosI7WF
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2020
बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत पांचवी कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को इसमें कुछ कम किया गया है। विधि और मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एक एकल नियामक का प्रावधान है। साथ ही विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है।
नई नीति में 5+3+3+4 का ढांचा लागू
पुरानी नीति के 10+2 (दसवीं कक्षा तक, फिर बारहवीं कक्षा तक) के ढांचे में बदलाव करते हुए नई नीति में 5+3+3+4 का ढांचा लागू किया गया है। इसके लिए आयु सीमा क्रमश: 3-8 साल, 8-11 साल, 11-14 साल और 14-18 साल तय की गई है। एम.फिल खत्म कर दिया गया है और निजी तथा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए समान नियम बनाए गए हैं।