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पहले 5 रुपए में रैन बसेरों पर मिलती थी राम रोटी

January 31, 2021


रेनबसेरों में सस्ती दरों पर नहीं मिलता भोजन इसलिए वहां ठहरने वाले भोजन की जुगाड़ में भटकते हैं
प्रयोग के तौर पर सरवटे और गंगवाल पर शुरू हुई थी योजना और वहीं खत्म हो गई, अब दीनदयाल रसोई योजना
इन्दौर। गरीबों के लिए बनाए गए रैन बसेरों में उनके लिए तमाम सुविधाएं जुटाने के साथ-साथ 8 साल पहले नगर निगम ने प्रयोग के तौर पर सरवटे और गंगवाल बस स्टैंड के रैन बसेरों में पांच रुपए में राम रोटी योजना शुरू की थी, लेकिन यह योजना अफसरों के हठ के कारण वहीं समाप्त हो गई और इसे अन्य रैन बसेरों पर लागू नहीं किया जा सका। हालांकि अब अधिकारी कहते हैं कि कुछ रैन बसेरों के आसपास दीनदयाल रसोई योजना शुरू की गई है और यह सिर्फ 3 स्थानों पर संचालित हो रही है।


शिवाजी वाटिका से बुजुर्गों को निगम वाहनों में पशुओं के समान भरकर शिप्रा ले जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शहरभर में नगर निमग ने दस रैन बसेरे संचालित किए हुए हैं, जहां फिलहाल सिर्फ ठहरने मात्र की सुविधा है। सूत्रों के मुताबिक इससे 8 वर्ष पहले नगर निगम ने राम रोटी योजना सरवटे और गंगवाल बस स्टैंड पर शुरू की गई थी। इसमें पांच रुपए में एक संस्था द्वारा गर्मागर्म भोजन गरीबों को रैन बसेरों में ही उपलब्ध कराया जाता था। शुरुआती दौर में यह योजना अच्छी खासी चली और बाद में राम रोटी संचालित करने वाली संस्था की कुछ परेशानियों को लेकर पदाधिकारी निगम अफसरों से मिले थे, लेकिन परेशानी दूर नहीं होने के चलते योजना ठप हो गई और बाद में सरवटे बस स्टैंड के कायाकल्प के चलते राम रोटी वाला स्थान ही टूट गया। इसके अलावा गंगवाल पर भी यह योजना बंद हो गई, जबकि इसे शहरभर में लागू करने की योजना थी। अधिकारियों का कहना है कि झाबुआ टावर, गंगवाल बस स्टैंड के आसपास दीनदयाल योजना शुरू की गई है, जहां नाममात्र के शुल्क पर लोगों को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाता है और इसे सभी रैन बसेरों में लागू करने की तैयारी है। रैन बसेरों में रहने वाले अधिकांश लोगों का कहना है कि उन्हें भोजन के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है, इसी के चलते कई लोग रैन बसेरों में ठहरते नहीं हैं और भोजन की जुगाड़ में दिनभर भटकते हुए यहां-वहां डेरा जमाते हैं।

बेसहाराओं की मदद के लिए अरबिन्दो हास्पिटल आगे आया
इन्दौर। रैन बसेरों में रहने वाले वृद्धजनों की दयनीय हालत पर इन्दौर अरबिन्दो हास्पिटल आगे आया है। श्री अरबिन्दो इंस्ट्टियूट ने घोषणा की है कि सभी रैन बसेरों में रहने वाले वृद्धजनों व बेसहारा लोगों को अस्पताल की तरफ से उपचार दिया जाएगा। इसके लिए हास्पिटल की टीमें गठित की गई हैं, जो रैन बसेरों में जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी करेंगी।


दो दिन पहले शिवाजी वाटिका से बुजुर्गों को निगम वाहनों में भरकर शिप्रा और सांवेर क्षेत्र में छोडऩे के मामले को लेकर अधिकारियों की आलोचनाएं हो रही हैं। दूसरी ओर ऐसे में अरबिन्दो इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस ने निगम के अंतर्गत आने वाले सभी रैन बसेरों के निराश्रितों और वृद्धजनों की देखभाल का जिम्मा उठाया है। इसके तहत अस्पताल के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें गठित कर दी गई हैं, जो इन रैन बसेरों में जाकर बुजुर्गों और निराश्रितों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर उपचार प्रदान करेंगी।

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