img-fluid

रानिल विक्रमसिंघे ने ली शपथ, उठाएंगे श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने का बीड़ा

July 21, 2022


कोलंबो। श्रीलंका के शीर्ष राजनेता रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को देश के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली। उन्हें बुधवार को संसद ने नया राष्ट्रपति चुना था। विक्रमसिंघे इससे पहले लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को श्रीलंका के प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

श्रीलंका भयावह आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विक्रमसिंघे के सामने सबसे बड़ी चुनौती और अग्नि परीक्षा देश को इस संकट से निकाल कर फिर पटरी पर लाना है। गोतबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने और फिर इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था।

देश के संविधान के अनुसार संसद द्वारा चुने जाने वाले वे पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले स्वर्गीय डी बी विजेतुंगा मई 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रेमदासा के निधन के बाद निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। 225 सदस्यीय श्रीलंका की संसद ने कल विक्रमसिंघे नया राष्ट्रपति चुना था। उन्हें 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और असंतुष्ट सत्तारूढ़ दल के नेता दुल्लास अल्हाप्परुमा को 82 वोट मिले। त्रिकोणीय मुकाबले में वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन वोट मिले थे।


जल्द बनाएंगे मंत्रिमंडल
विक्रमसिंघे के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती श्रीलंका को उसके आर्थिक संकट से बाहर निकालने और महीनों के बड़े विरोध के बाद कानून व्यवस्था बहाल करने की है। डेली मिरर अखबार के अनुसार राष्ट्रपति विक्रमसिंघे अगले कुछ दिनों में 20-25 सदस्यों का एक मंत्रिमंडल बनाएंगे।

राजपक्षे परिवार की अब भी मजबूत पकड़
विक्रमसिंघे को पूर्ववर्ती राष्ट्रपति राजपक्षे की पार्टी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के समर्थन से सहज जीत मिली है। इसने यह भी दिखा दिया है कि हाल के हफ्तों में गोतबाया राजपक्षे, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के इस्तीफों के बावजूद श्रीलंका की सत्ता पर राजपक्षे परिवार की मजबूत पकड़ है।

विक्रमसिंघे के लिए भी यह खतरा
विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर श्रीलंका की स्थिति भड़क सकती है, क्योंकि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार से अटूट रिश्ते रखने वाला मानते हैं। राजपक्षे परिवार को 1948 में आजादी के बाद से देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

Share:

  • लॉ फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा 25 से, एमबीए और बीएड वालों को करना होगा इंतजार

    Thu Jul 21 , 2022
    इंदौर। जुलाई का तीसरा सप्ताह खत्म हो चुका है और अभी कॉलेज (College) में नए प्रवेश लेने वाले छात्रों को कक्षाएं शुरू होने का इंतजार है। इसके साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव (urban body and panchayat elections) की गतिविधियां पूरी होने और अब यूनिवर्सिटी की रुकी हुई परीक्षाएं शुरू होंगी तो जिन छात्रों […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved