
इंदौर। प्रदेश में सबसे पहले गरीबों का अनाज हड़पने वाले अनाज माफिया गैंग के मुख्य आरोपी पर जिला प्रशासन जहां रासुका की तैयारी कर रहा है, वहीं सहयोगी फिलहाल बख्शे जा रहे हैं, जिन पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। इसके साथ ही इस मामले की गहन जांच के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने एक टीम गठित कर दी है, जो यह पता लगाएगी कि उक्त माफिया द्वारा कितने लंबे समय से यह अनाज घोटाला किया जा रहा था और इसमें प्रशासन के कितने अधिकारी शामिल हैं। साथ ही इस तरह की गैंग और कहां-कहां सक्रिय होकर गरीबों को ठगने का काम कर रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह गोरखधंधा कब से चल रहा था।
विगत दिनों जिला प्रशासन ने महू में लगभग 50 करोड़ रुपए के राशन घोटाले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू कराई थी। प्राथमिक जांंच में महू के व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल और उसके सहयोगी ने नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ कर गरीबों के उपयोग हेतु आवंटित राशन हथियाकर उसकी जगह निम्न दर्जे का अनाज गरीबों में बंटवाया था। इस मामले में संलिप्त मुख्य आरोपी मोहनलाल अग्रवाल के खिलाफ जहां रासुका की कार्रवाई की जा रही है, वहीं उसके सहयोगी परिवार के अन्य सदस्यों की जांच कर उनकी संलिप्तता का पता लगाए जाने के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अनाज माफिया फरार है, जिसकी खोज में पुलिस लगी हुई है।
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