
– जिन्होंने कभी जिला जेल में ड्यूटी नहीं की, उन्हें यहां पदस्थ करने को कहा
इन्दौर। 10 लाख की वसूली को लेकर भूमाफिया चंपू अजमेरा की डिप्टी जेलर मनोज चौरसिया द्वारा की गई पिटाई के बाद जिला जेल में अभी भी उठापटक का दौर जारी है। सेंट्रल जेल अधीक्षक द्वारा मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में यहां लंबे समय से पदस्थ जेलर सहित कुछ और प्रहरियों को यहां से हटाने की अनुशंसा की गई है। साथ ही यहां ऐसे स्टाफ की नियुक्ति करने को कहा गया है, जिन्होंने जिला जेल में कभी ड्यूटी नहीं की है।
जेल के सूत्रों के अनुसार चंपू अजमेरा की पिटाई के बाद यहां बड़े स्तर पर फेरबदल के संकेत मिले हैं। हालांकि पिटाई कांड में शामिल डिप्टी जेलर मनोज चौरसिया और कुछ प्रहरियों को यहां से हटा दिया गया है। चौरसिया को असरावदखुर्द की अस्थायी जेल में पदस्थ किया है तो कुछ प्रहरियों को जिला जेल से हटाकर सेंट्रल जेल भेजा गया है। इधर सूत्रों का कहना है कि मुख्यालय इस पूरी घटना पर निगाहें रख रहा है और यहां की पल-पल की रिपोर्ट हासिल कर रहा है। इधर सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश भांगरे द्वारा की गई जांच में बताया जाता है कि उन्होंने यह भी अनुशंसा की है कि जेलर केके कुलश्रेष्ठ लगभग 7 वर्षों से यहां पदस्थ हैं। ऐसे और कई प्रहरी भी हैं, जिन्हें चार से पांच साल एक ही जगह ड्यूटी करते हुए हो गए हैं। जेल की हर बारीकी को यह लोग समझते हैं और इन्हीं के माध्यम से पूरी सेटिंग जमती है। रिपोर्ट में लंबे समय से पदस्थ यहां के स्टाफ को बदलने की अनुशंसा भी की गई है। साथ ही अन्य शहर के अनुभवी जेलर सहित प्रहरियों को यहां पदस्थ करने को कहा गया है, जिन्होंने कभी जिला जेल में ड्यूटी नहीं की है। इस बदलाव से जिला जेल में सुधार हो सकता है।
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