नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेपाली के आर्मी चीफ से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती को फिर से शुरू करने की अपील की है. भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती पिछले चार सालों से रोक दी गई थी. हालांकि पहले यह रोक कोरोना महामारी के कारण की गई थी, लेकिन बाद में नेपाल ने विवादों में घिरी अग्निपथ योजना के तहत अपने गोरखा समुदाय के युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती करने से रोक दिया था.
उल्लेखनीय है कि अग्निपथ योजना को 2022 में लॉन्च किया गया था. जिसके तहत सेना 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती करती है और उन्हें “अग्निवीर” कहा जाता है. हालांकि इस योजना में रिटायरमेंट के लाभों का कोई प्रावधान नहीं है. अग्निवीर के प्रत्येक बैच से 75 प्रतिशत अग्निवीरों को 4 साल की सेवा के बाद डिमोबिलाइज कर दिया जाता है. जबकि शेष 25 प्रतिशत अग्निवीरों को मेरिट और सेना की आवश्यकता के आधार पर रेगुलर कैडर में शामिल किया जाता है. इसी लिए यह योजना विवादों में घिरी थी.
नेपाल ने अग्निवीर योजना की शर्तों पर अपने नागरिकों के भारतीय सेना में भर्ती होने पर सहमति नहीं दी. नेपाल ने कहा कि यह योजना 1947 के त्रिपक्षीय भारत-नेपाल-ब्रिटेन समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन करती है. नेपाल ने चिंता जताई कि गोरखा सैनिकों की 4 साल की सेवा खत्म होने के बाद उनके फिर से रोजगार मिलने की संभावना पर सवाल उठता है.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘द टेलीग्राफ’ से कहा, “मैंने खुद नेपाली सेना प्रमुख से बात की है. उनसे भारतीय सेना में फिर से गोरखा समुदाय की भर्ती शुरू करने का अनुरोध किया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि यह जल्द ही फिर से शुरू होगा.”
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