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Corona Vaccine के लिए कराया रजिस्ट्रेशन? Co-WIN के 15 करोड़ यूजर्स के डेटा लीक का दावा

नई दिल्ली। गुरुवार को एक वेबसाइट (WebSite) ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने वाले 15 करोड़ भारतीयों का डेटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय और सिक्यॉरिटी रिसर्चर ने डेटा लीक की इस घटना से इनकार किया है। लेकिन मामले की जांच किए जाने की बात कही है। CoWin प्लैटफॉर्म के जरिए देश में COVID-19 वैक्सीनेशन का स्लॉट बुक होता है।

कोविन पर यूजर्स (CoWin User) को स्लॉट बुक (Slot Book) करने के लिए अपना आधार कार्ड या कोई दूसरा सरकारी आईडी कार्ड, फोन नंबर और लोकेशन जैसी जानकारियां सबमिट करनी होती हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि 150 मिलियन यूजर्स के फोन नंबर और आधार कार्ड की जानकारी लीक हुई है।

Data Leak Market पर गुरुवार को यह दावा किया गया कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन लेने वाले लोगों की जानकारी वाला डेटाबेस 800 डॉलर में बिक्री के लिए उपलब्ध था। कथित तौर पर लीक इस डेटा में वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेश कराने वाले लोगों के नाम, आधार नंबर, लोकेशन और फोन नंबर शामिल हैं। वेबसाइट ने दावा किया कि यह डेटा का ऑरिजिनल लीकर नहीं है बल्कि एक रीसेलर है।


हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय और रिसर्चर राजशेखर रजाहरिया ने जल्द ही डेटा लीक मार्केट के इन दावों का खंडन कर दिया। को-विन पोर्टल के हेड आरएस शर्मा ने एक बयान में कहा, ‘सोशल मीडिया पर Co-WIN सिस्टम को हैक करने की कथित खबरों ने हमारा ध्यान खींचा। हम बताना चाहते हैं कि को-विन में सारा वैक्सीनेशन डेटा सेफ और सिक्यॉर डिजिटल इनवायरमेंट में स्टोर किया जाता है।

को-विन के अलावा किसी बाहरी एजेंसी के साथ यह डेटा शेयर नहीं किया जाता है। डेटा लीक में वैक्सीन लेने वाले लोगों की जियो-लोकेशन लीक होने की खबरें हैं, जबकि को-विन में यह कलेक्ट भी नहीं की जाती है। फिलहाल यह खबर पूरी तरह से फेक लग रही है। हालांकि, हमने MeitY की कंप्यूर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम से इस मामले की जांच करने को कहा है।’ वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस मामले की जांच किए जाने की जानकारी दी है।

सिक्यॉरिटी रिसर्चर राजशेखर के मुताबिक, कोविड डेटा लीक का दावा करने वाली वेबसाइट पूरी तरह फर्जी है। फेक वेबसाइट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘कोविन पोर्टल हैक नहीं हुआ है!! कुछ फेक #DarkwebLeakMarket भारत में वैक्सीन लगवाने 150 मिलियन लोगों का डेटा बेचने का दावा कर रहे हैं। यह पूरी तरह फेक है। यह एक बिटकॉइन स्कैम है। इस पर भरोसा ना करें। स्क्रीनशॉट चेक करें। यहां फेक लीक लिस्टेड हैं।’

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