मुंबई। रिलायंस पावर (Arpa) ने शनिवार को कहा कि अशोक कुमार पाल (Ashok Kumar Pal) ने कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) का पद तत्काल प्रभाव से छोड़ दिया है। रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को बताया कि इस मामले को देखते हुए और जांच में सहायता के लिए अशोक कुमार पाल ने तत्काल प्रभाव से कार्यकारी निदेशक और सीएफओ का पद छोड़ दिया है। बता दें कि अशोक पाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया और दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार एजेंसी रिमांड अवधि खत्म होने के बाद 13 अक्टूबर को उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश करेगी।
क्या है मामला?
यह मामला सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड की ओर से सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से संबंधित है, जो फर्जी पाई गई। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। ईडी ने व्यावसायिक समूहों के लिए कथित रूप से फर्जी बैंक गारंटी प्रदान करने का गिरोह चलाने वाली आरोपी कंपनी की पहचान ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक के रूप में की है। निदेशालय ने जांच के तहत अगस्त में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ छापेमारी की थी और इसके प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने बताया कि पाल ने पैसे के ट्रांसफर में अहम भूमिका निभाई क्योंकि उन्हें और कुछ अन्य लोगों को कंपनी बोर्ड ने एसईसीआई की बीईएसएस निविदा के लिए सभी दस्तावेजों को अंतिम रूप देने, अनुमोदित करने, हस्ताक्षर करने और बोली के लिए रिलायंस पावर की वित्तीय क्षमता का उपयोग करने का अधिकार दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि जांच में पाया गया कि कंपनी ने फिलीपीन के मनीला स्थित ‘फर्स्टरैंड बैंक’ से बैंक गारंटी जमा की थी लेकिन उक्त बैंक की उस देश में कोई शाखा नहीं है।
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है। आरोप है कि कंपनी आठ प्रतिशत कमीशन पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थी। रिलायंस समूह ने तब कहा था कि रिलायंस पावर इस मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी की साजिश का शिकार हुई है और उसने सात नवंबर, 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में इस संदर्भ में उचित खुलासे किए थे।
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