
नई दिल्ली। भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों की खुदरा बिक्री में कमी दर्ज की गई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADAएफएडीए) ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि जनवरी 2021 के मुकाबले यह जनवरी 2022 में 10.70 प्रतिशत घट गई। बता दें कि एफएडीए भारत में ऑटोमोबाइल खुदरा उद्योग का एक शीर्ष राष्ट्रीय निकाय है, जो पूरे भारत में 26,500 डीलरशिप का प्रतिनिधित्व करता है।
गिरावट की ये रही बड़ी वजह
एफएडीए द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों में क्रमश: 30 प्रतिशत और 20.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि दोपहिया वाहनों, पीवी और ट्रैक्टरों में क्रमशः 13 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। एसोसिएशन ने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी के कारण पैसेंजर व्हीकल्स (PV) की अनुपलब्धता लगातार समस्या पैदा कर रही है, जबकि कॉमर्शियल व्हीकल्स (CV) और विशेष रूप से भारी वाणिज्यिक वाहन (HCV) अच्छा प्रदर्शन कर हैं।
दोपहिया वाहनों का प्रदर्शन खराब
रिपोर्ट में कहा गया कि ग्रामीण भारत में दोपहिया वाहनों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। पीवी इन्वेंट्री 8 से 10 दिनों के ऐतिहासिक निचले स्तर पर है, जबकि दोपहिया वाहनों की इन्वेंट्री खतरनाक स्तर से घटकर 25 से 30 दिनों तक हो गई है। एफएडीए की ओर से कहा गया है कि 25,000 किलोमीटर के नए राजमार्ग विकसित करने की सरकार की योजना से भारत के बुनियादी ढांचे के खर्च में और वृद्धि होगी और वाणिज्यिक खंड पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि साल-दर-साल कुल खुदरा बिक्री में 10.7 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि तिपहिया और कॉमर्शियल व्हीकल 30 प्रतिशत और 20.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ग्रीन सिग्नल दे रहे हैं।
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