नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के किस्से कम नहीं हो रहे हैं। अब खबर है कि अमेरिका व पश्चिम देशों के खिलाफ उनके गुस्से या ताकत के प्रदर्शन की शिकार एक ”नफरत की चट्टान” बन रही है। यह चट्टान 2019 के बाद अब तक 25 बार उनकी मिसाइलों के प्रहार झेल चुकी है।
पिछले माह किम ने सबसे बड़ा मिसाइल परीक्षण भी इसी चट्टान को चूर-चूर करने के लिए किया। यह चट्टान ‘नो मैंस लैंड’ यानी मानव रहित या निर्जन इलाके में है। उत्तर कोरिया के उत्तर-पूर्वी तट से करीब 11 मिल या 18 किलो मीटर दूर स्थित ‘अलसोम’ द्वीप में है। जनवरी में इस पर उत्तर कोरिया ने आठ रॉकेट दागे थे।
लगातार संहारक व परमाणु हथियार विकसित करते रहने की जिद पर अड़े किम जोंग उन पर अमेरिका नीत पश्चिमी देशों ने कई पाबंदियां लगा रखी हैं। इसके बाद भी वह निरंतर मिसाइल परीक्षण कर महाशक्ति देशों को चुनौती देते रहते हैं। दक्षिण कोरिया की सेना किम जोंग व पड़ोसी देश की इन हरकतों पर लगातार नजर रखे हुए है। हाल ही में 10 मीटर चौड़ी एक दीवार बनाई है, अब उस पर भी उत्तर कोरिया बमबारी कर अपनी ताकत का इजहार करेगा।
‘नफरत की चट्टान’ को लेकर बनने लगे जोक्स
बहरहाल लगातार किम के गुस्से का शिकार बन रही उक्त चट्टान को लेकर जोक्स भी बनने लगे हैं। हथियार विशेषज्ञ जोसेफ डेंप्सी ने ट्विटर पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘अलसोम चट्टान उत्तर कोरिया में सबसे ज्यादा नफरत की जाने वाली चट्टान है।’ इस बेचारी पर लगातार लक्षित मिसाइलों से प्रहार हो रहे हैं।
डेंप्सी लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में रिसर्च एसोसिएट हैं। उनका कहना है कि उत्तर कोरिया का अलसोम द्वीप नई पीढ़ी के शस्त्रों के परीक्षण का बड़ा केंद्र बन गया है। इन हथियारों में उत्तर कोरिया की KN-23 मिसाइल भी है, जिसे दक्षिण कोरिया में कहीं भी दागा जा सकता है। यह किम के प्रोपेगेंडा उद्देश्यों की दृष्टि से भी बहुत कारगर है। अन्य देशों को डराने का मकसद इससे पूरा होता है।
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