
भोपाल। फिल्म पीपली लाइव का गाना-सखी सैयां तो खूब कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है…आपके गांव में आया विकास का मसीहा, जो बेटा बनकर करेगा दुख दर्द दूर..जैसे लोकगीत बजाकर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी अब मतदाताओं का ध्यान खींचने में जुट गए हैं।
प्रत्याशी मनमुताबिक फिल्मी गानों की तर्ज पर अपने-अपने क्षेत्र व नाम के गाने रिकार्ड करा रहे हैं। भले ही अभी शहर में पार्षदों के टिकट फाइनल नहीं हुए हों, पर ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव प्रचार जोरों पर है। पंच, सरपंच और जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने प्रचार-प्रसार में अपनी ताकत झोंक दी है। इंटरनेट मीडिया से लेकर गली-मोहल्ले में एनाउंसमेंट कराकर साथ मांग रहे हैं। प्रत्याशी आडियो-वीडियो रिकार्डिंग स्टूडियो पर गाने व लोकगीत रिकार्ड करा रहे हैं।
तीन दिन में एक सैकड़ा से अधिक रिकार्डिग
आडियो रिकार्डिंग करने वाले राजेश शुक्ला का कहना है पिछले तीन दिन में उनके पास करीब आधा सैकड़ा लेाग गाने रिकार्डिंग करा चुके हैं। इसी तरह से पीएन रत्नाकर का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों से लोग डबल आवाज में आडियो रिकार्डिंग कराने के लिए आने लगे हैं, पर शहर से कोई नहीं आया। वहीं अशोक दयाल का कहना है कि रिकार्डिग का काम तो इन दिनों बढ़ा है, लेकिन रिकार्डिंग की दुकानें भी काफी हैं, इसलिए काम बंट गया है। फिर भी प्रत्याशी गीत,लोकगीत व नाटक बनवाने के लिए आ रहे हैं और नगर निगम का चुनाव में इसकी मांग बढ़ेगी।
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