
इन्दौर। शहर के जो चर्चित भूमाफिया हैं, उनमें पिनेकल ड्रीम्स (Pinnacle Dreams) से जुड़े पुष्पेन्द्र वडेरा और आशीष दास (Pushpendra Vadera and Ashish Das) भी शामिल हैं, जिनमें से आशीष दास कुछ समय पूर्व गिरफ्तार होकर जमानत पर छूटा और फिर अन्य मामलों में प्रकरण दर्ज होने के बाद फरार हो गया। उसकी भी पुलिस तलाश कर रही है, वहीं उसका सहयोगी पुष्पेन्द्र वडेरा अवश्य कल गिरफ्त में आ गया। उज्जैन से इंदौर (Ujjain to Indore) आते वक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, जो कि चार साल से फरार था और बाबा के वेश में फरारी काट रहा था। एक हजार करोड़ से अधिक के घोटाले इन धोखेबाजों ने जनता, निवेशकों और एनआरआई (NRI) से किए हैं।
इंदौर में गृह निर्माण संस्थाओं के भू-घोटाले तो सुर्खियों में रहे हैं, जिनसे जुड़े भूमाफिया या तो जेल में हैं या फरारी काट रहे हैं, लेकिन निजी कम्पनियों को बनाकर भी हाईराइज बिल्डिंगें और टाउनशिप (Highrise Buildings & Township) के जो प्रोजेक्ट बनाए, उनमें भी कम घोटाले नहीं हुए। एक वक्त इंदौर की सबसे लग्जरी टाउनशिप पिनेकल ड्रीम्स लॉन्च की गई थी। निपानिया क्षेत्र में पीपल्याकुमार (Pipalyakumar in Nipania area) स्थित इस प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग के वक्त जाने-माने फिल्मी सितारे भी शामिल हुए और इंदौर-उज्जैन से लेकर मुंबई की फिल्मी दुनिया से जुड़े लोग इस प्रोजेक्ट के फाइनेंसर भी थे। फिल्म निर्माता वासु भगनानी (Vasu Bhagnani) से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha), उनकी बेटी सोनाक्षी, ऋतिक रोशन, गोविंदा (Sonakshi, Hrithik Roshan, Govinda) व अन्य के नाम पर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च कर फ्लैट और भूखंड बेच डाले। जनता और निवेशकों से लेकर बैंकों और एलएनटी को भी करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। पुलिस-प्रशासन के पास थोक में शिकायतें इन प्रोजेक्टों से संबंधित सालों से दर्ज हो रही हैं।
कुछ समय पूर्व एक पार्टनर आशीष दास को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो कई महीने जेल भी रहा और बाद में पीडि़तों के सेटलमेंट के नाम पर जमानत पर छूटा, लेकिन किसी का सेटलमेंट किया नहीं और उल्टा नए घोटालों में लिप्त हो गया, जिसके चलते एसटीएफ को भी जांच सौंपी गई और नई एफआईआर (FIR) दर्ज होने के चलते आशीष दास भी फरार हो गया, वहीं उसका सहयोगी पुष्पेन्द्र वडेरा शुरू से ही फरार चल रहा है, जिस पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था। अभी वडेरा को गिरफ्तार किया है। हालांकि एक जानकारी यह भी सामने आ रही है वह खुद ही सरेंडर हो गया है। अब हालांकि पुलिस पूछताछ कर उससे राज उगलवाएगी। एक हजार करोड़ रुपए के इन घोटालेबाजों की गिरफ्तारी के बाद पीडि़तों को फिर से न्याय की उम्मीद जागी है, जो सालों से भूखंड और फ्लैट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस कितना न्याय इन पीडि़तों को दिला पाती है।
शपथ-पत्र पर प्रशासन को सौंपे हैं पीडि़तों ने बयान
भूमाफियाओं के खिलाफ जारी जंग के चलते कुछ समय पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने भी पिनेकल पीडि़तों की शिकायतों के बाद जांच शुरू करवाई और शपथ-पत्र पर पीडि़तों के बयान भी लिए, जिनमें एक एनआरआई ने भी अपने बयान दिए। दरअसल ये पीडि़त निपानिया में शिशु कुंज स्कूल के सामने स्थित पिनेकल ग्रेंड टाउनशिप (Pinnacle Grand Township) से जुड़े हैं, जिसमें 20 एकड़ की टाउनशिप विकसित की गई। मगर भूखंडों के कब्जे नहीं सौंपे गए। इसमें अन्य चर्चित जमीनी जादूगर भी शामिल हैं।
40 भूखंडों को सिंगल रजिस्ट्री से हड़प लिया
पिनेकल ड्रीम्स के हाईराइज प्रोजेक्ट (Highrise Project of Pinnacle Dreams) के अलावा पालाखेड़ी (palakhedi) में 52 एकड़ की टाउनशिप डी डिजायर भी इन घोटालेबाजों ने विकसित की और इसमें भी लोगों को भूखंड नहीं मिले। उल्टा एक सिंगल रजिस्ट्री से 40 बंधक भूखंडों को हड़प अलग लिया। अग्निबाण ने कुछ समय पूर्व इसका खुलासा किया था। जेएसएम डेवकॉन JSM Devcon() ने वीजे इन्फ्रा के विक्की जेठवानी के पक्ष में यह रजिस्ट्री निष्पादित करवाई और 40 भूखंड एक साथ हड़प लिए। अब ये सभी मामले भी जांच में नए सिरे से खुलेंगे।
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