img-fluid

MP में लिंगानुपात हुआ बेहतर, कुपोषण की दर में 29.3 प्रतिशत की कमी

November 26, 2021

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में मिली मप्र की प्रगति के आंकड़ों की स्पष्ट झलक

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश में सम्मिलित प्रयासों से नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट (National Family Health Survey-5 report) में मध्यप्रदेश में लिंगानुपात बेहतर होकर वर्ष 2020-21 में प्रति 1000 बेटों पर 956 बेटियाँ पर पहुँच गया है। वर्ष 2015-16 में प्रति एक हजार बेटों पर बेटियों की संख्या 927 थी। वहीं, कुपोषण की दर में भी 29.3 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है।

मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के माध्यम से बेटियों को सशक्त और आत्म-निर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। बेटी बोझ न लगे इसके लिए उनके जन्म से लेकर शिक्षा और विवाह तक की हर जिम्मेदारी अभिभावक बनकर सरकार उठा रही है। उन्होंने ट्वीट किया-“समाज के सशक्तिकरण के लिए नारी का सशक्त होना भी जरूरी है। आइये, हम सभी बेटियों को खुले आसमान में उड़ने दें, उन्हें कैद न करें। वह हमारा आने वाला कल हैं, उम्मीद हैं, उन्हें हौंसला दें और उन्हें इस जहाँ में आने दें।”

उन्होंने प्रदेश की जागरूक जनता और संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने बेटियों के महत्व को इन पंक्तियों में प्रस्तुत किया..

बेटियाँ अभिमान हैं, ईश्वर का वरदान हैं
बेटी जैसा न कोई दूजा,बेटियाँ है तो सारा जहाँ है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के आँकड़ों में प्रदेश में हुई प्रगति की स्पष्ट झलक दिखाई देती है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के आँकड़ों में प्रदेश ने वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के मुकाबले अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एनएफएचएस-5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5) वर्ष 2020-21 के जारी आँकड़ों में प्रदेश में 5 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों में सभी प्रकार के कुपोषण की दरों में कमी आई है। प्रदेश में एनएफएचएस-4 वर्ष 2015-16 की तुलना में सर्वे-5 में राष्ट्रीय औसत से भी अधिक सुधार हुआ है।

प्रदेश में विभागीय योजनाओं के समन्वित एवं प्रभावी क्रियान्वयन से अति गंभीर कुपोषण में 29.3 प्रतिशत कमी आई है। देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में प्रदेश की स्थिति में 13 रैंक का सुधार हुआ है। प्रदेश 30वें स्थान से 17वें स्थान पर आ गया है। जहाँ देश में अति गंभीर कुपोषण 2.7 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं मध्यप्रदेश में 29.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।

दुबलेपन (वेस्टिंग) में प्रदेश अन्य राज्यों में सुधार के क्रम में तीसरे स्थान पर है। देश में 8.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्यप्रदेश में 26.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है। पूर्व में एनएफएचएस-4 में प्रदेश 32वें स्थान पर था, जो अब 24वें स्थान पर आ गया है। इस प्रकार 8 स्थान का सुधार हुआ है।

कम वजन श्रेणी में सुधार में प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। देश में 10.3 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्यप्रदेश में 22.9 प्रतिशत का सुधार हुआ है। पूर्व में एनएफएचएस-4 में प्रदेश 33वें स्थान पर था, अब 31वें स्थान पर आ गया है। इस प्रकार 2 स्थान का सुधार हुआ है।

ठिगनेपन में अधिकतम सुधार करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश छठवें नंबर पर हैं। देश में 7.8 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि प्रदेश में 15 प्रतिशत का सुधार हुआ है। पूर्व में एनएफएचएस-4 में प्रदेश 32वें स्थान पर था, जो अब 30वें स्थान पर आ गया है। इस प्रकार प्रदेश की रैंकिंग में 2 स्थान का सुधार हुआ है।

बाल विवाह की दर में देश में 13.1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि प्रदेश में 28.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त जन्म के समय लिंगानुपात में देश में 1.1 प्रतिशत का सुधार हुआ, जबकि प्रदेश में 3.1 प्रतिशत का सुधार दर्ज हुआ है। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

  • Ujjain: महाकालेश्वर मन्दिर में 06 दिसम्बर से श्रद्धालुओं को मिलेगा गर्भगृह में प्रवेश

    Fri Nov 26 , 2021
    उज्जैन। कोरोना संक्रमण (corona infection) के चलते देशभर में लागू प्रतिबंध धीरे-धीरे शिथिल हो रहे हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में तो कोरोना से संबंधित सभी प्रतिबंध हटा दिये गए हैं। अब करीब पौने दो साल बाद प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर (World famous Jyotirlinga temple of […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved