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शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा मामला


नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से शिवसेना के चुनाव चिह्न मुद्दे पर विचार करने से पहले इंतजार करने को कहा. अदालत ने कहा कि एक संविधान पीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी, जिसके बाद चुनाव आयोग इस मुद्दे में कोई कार्रवाई कर सकता है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा, ‘चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर फैसला करना है. कृपया चुनाव आयोग के समक्ष लंबित मुद्दे पर प्रतीक्षा करें. अदालत में सुनवाई पूरी होने तक, चुनाव आयोग मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगा.’

इस टिप्पणी के साथ ही उन्होंने यह मामला 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है. अब संविधान पीठ गुरुवार को तय करेगी कि शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर निर्वाचन आयोग अपनी सुनवाई जारी रखे या नहीं. सीजेआई ने कहा कि संविधान पीठ तय करेगी कि क्या स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो वह अयोग्यता पर सुनवाई कर सकते हैं. इस दौरान सदन की कार्यवाही कैसे चले. उन्होंने पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र और उसमें चुनाव आयोग की भूमिका पर भी संविधान पीठ को विचार करने को कहा. सीजेआई ने कहा कि चुनाव चिन्ह पर फैसला आयोग को ही लेना है लेकिन परसों की सुनवाई तक आयोग इस प्रक्रिया को रोके रखे.


विधायकों का बहुमत हमारे साथ, हम हैं असली शिवसेना: एकनाथ शिंदे
शिवसेना पर अधिकार और 16 बागी विधायकों की अयोग्यता के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है. बता दें कि शिंदे गुट के वकील ने मामले पर संविधान पीठ बनाकर सुनवाई करने की मांग रखी थी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे पर कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का आरोप गलत तौर पर लगाया गया है. हम सभी आज भी शिवसैनिक हैं. शिवसेना विधायकों का बहुमत हमारे साथ है, हम असली शिवसेना हैं.

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 विधायकों ने की थी बगावत
गौरतलब है कि गत जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दिया था. उनकी मांग थी कि वह महा विकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाएं, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा-शिवसेना को बहुमत दिया था, न कि एमवीए को. इस घटनाक्रम के बाद एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई थी और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. फिर 30 जून को शिंदे गुट की शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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