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NIA कर सकती है रूस में पकड़े गए IS आतंकी के केस की जांच, सबूत मिलने का इंतजार

नई दिल्‍ली: पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भारतीय नेतृत्व के किसी बड़े नेता पर आत्मघाती हमला करने की साज़िश रचने को लेकर गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकवादी के मामले की जांच राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानि NIA कर सकती है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. फ‍िलहाल भारतीय अधिकारी रूस के अधिकारियों से संपर्क में हैं.

बता दें कि रूस (Russia) की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने सोमवार को बताया था गिरफ्तार आतंकी एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है और उसने आत्मघाती हमला करने के लिए प्रशिक्षण लिया था. जानकारी मिली है कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और एनआईए इस मामले की जांच कर सकती है. फिलहाल भारतीय अधिकारी रूस के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क में हैं और मॉस्‍को से सबूत मिलने के इंतजार में हैं.

सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी थी कि रूस की खुफिया एजेंसी ‘संघीय सुरक्षा सेवा’ (FSB) के मुताबिक, प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट के एक सरगना ने इस साल अप्रैल से जून के बीच तुर्की में प्रवास के दौरान एक विदेशी नागरिक को आत्मघाती हमलावर के तौर पर संगठन में भर्ती किया था.

एफएसबी ने कहा, “संघीय सुरक्षा सेवा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ के सदस्य की रूस में पहचान की और उसे पकड़ लिया. हिरासत में लिया गया शख्स मध्य एशिया के एक देश का नागरिक है और उसने भारत के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व में शामिल एक सदस्य पर आत्मघाती हमला करने की योजना बनाई थी.”

एफएसबी के ‘सेंटर फॉर पब्लिक रिलेशन्स’ (CPR) ने बताया कि सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ और इस्तांबुल में आईएसआईएस के एक प्रतिनिधि के साथ व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान उसके दिमाग में संगठन की विचारधारा को भरा गया.


खबर के मुताबिक, एफएसबी ने उल्लेख किया कि आतंकवादी ने आईएसआईएस के ‘अमीर’ (प्रमुख) के प्रति निष्ठा की शपथ ली, जिसके बाद उसे रूस जाने और जरूरी दस्तावेज़ हासिल करने के लिए निर्देशित किया गया, ताकि वह भारत जा सके और इस आतंकवादी कृत्य को अंजाम दे सके.

रूस की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की. उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था. सीपीआर की ओर से उससे पूछताछ का वीडियो सोमवार को जारी किया गया है जिसमें आतंकवादी का चेहरा धुंधुला किया गया है और वह टूटी-फूटी रूसी भाषा बोल रहा था.

वीडियो में वह कह रहा है कि उसने अप्रैल 2022 में आईएसआईएस के ‘अमीर’ के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और एक विशेष प्रशिक्षण लिया था जिसके बाद वह रूस आया और यहां से भारत जाता. उसने कहा, “पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए आईएसआईएस के इशारे पर आतंकवादी हमला करने के लिए मुझे वहां चीजें दी जानी थीं.”

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी के दिल्ली ईकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने पैगंबर को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी जिसके बाद मुस्लिम देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और पार्टी ने नुपुर को निलंबित और कुमार को निष्कासित कर दिया था.

खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और इससे संबंधित सभी संगठनों को भारत में प्रतिबंधित किया गया है. वे इराक और सीरिया में कई हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं.

गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि भारत के युवाओं की संगठन में भर्ती और उन्हें कट्टर बनाया जाना देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब ऐसे युवा भारत लौटते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं.

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