इन्दौर। हर एक-दो साल में पुलिस (Police) तस्करों से जब्त नशे का नष्टीकरण करती है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि पूरे प्रदेश में जब्त नशे को एक साथ मंदसौर (Mandsaur) स्थित सीमेंट फैक्ट्री (Cement Factory) में नष्ट करने की कार्रवाई की गई। इंदौर में नारकोटिक्स विंग ने दस टन नशा नष्ट किया।
नारकोटिक्स विंग इंदौर की एसपी हेमलता अग्रवाल ने बताया कि विंग ने 2002 से अब तक दस सालों में तस्करों के खिलाफ 75 प्रकरण बनाए थे, जिनमें बड़ी मात्रा में डोडा चूरा, अफीम, गांजा, ब्राउन शुगर, एमडी के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स जैसे अल्प्राजोलम की गोलियां और कोरेक्स साइरप जब्त किया गया था। इन प्रकरणों में पुलिस ने लगभग दस टन से अधिक नशा जब्त किया था, जिसको मंदसौर स्थित विक्रम सीमेंट फैक्ट्री में दो दिन पहले नष्ट करने की कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि यूं तो एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाकर हर दो-तीन साल में ड्रग्स नष्टीकरण की कार्रवाई की जाती है, लेकिन पहली बार पूरे प्रदेश में जब्त ड्रग्स का एक साथ नष्टीकरण हुआ है। यही नहीं, प्रदेश के बाहर के भी कुछ स्टेट में जब्त ड्रग्स का नष्टीकारण हुआ है। बताते हैं कि 25 टन से अधिक ड्रग्स को कमेटी के सामने भ_ी में नष्ट किया गया। इसके अलावा भी पुलिस की विभिन्न यूनिट में अभी भी बड़ी मात्रा में जब्त ड्रग्स पड़ी है, लेकिन अभी ये प्रकरण न्यायालय में चलने के चलते इसका नष्टीकरण अभी नहीं किया गया है।
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