
भोपाल। छिंदवाड़ा (Chhindwara) में सोमवार सुबह विशेष न्यायाधीश मोहित दीवान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रोजाना की तरह सतपुड़ा क्लब में बैडमिंटन खेलते समय उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और वे गश खाकर गिर पड़े। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सीपीआर दिया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
चिकित्सक डॉ. जी.एस. दुबे ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर और हार्ट की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लॉकेज होने पर कार्डिएक अरेस्ट की संभावना बढ़ जाती है। खासतौर पर कम उम्र में हार्ट अटैक के लक्षण पहले से नहीं दिखते। उन्होंने 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से बीपी और शुगर की जांच कराने और खेलकूद या व्यायाम से पहले शरीर को वार्मअप करने की सलाह दी।
विशेष रूप से सर्दी के मौसम में सुबह जल्दी बाहर जाने से बचना चाहिए और तापमान बढ़ने के बाद ही व्यायाम या खेलकूद करना चाहिए। ठंड के दौरान हृदय स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यह घटना बढ़ते हृदय रोगों और शारीरिक देखभाल के महत्व को रेखांकित करती है। समय रहते सावधानी बरतकर ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। जज मोहित दीवान की असामयिक मृत्यु ने हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है।
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