
नई दिल्ली । सांसद राघव चड्ढा (MP Raghav Chadha) ने कहा कि डिलीवरी बॉयज और गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए (To protect Delivery Boys and Gig Workers) कदम उठाए जाएं (Steps should be Taken) । राज्यसभा में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने शून्यकाल के दौरान गिग वर्कर्स की सुरक्षा और उनकी बदतर हालत का मुद्दा उठाया।
चड्ढा ने सरकार से मांग की कि डिलीवरी बॉयज और अन्य गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और कंपनियों द्वारा थोपे जा रहे 10 मिनट डिलीवरी मॉडल को तुरंत खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे प्लेटफॉर्म्स के डिलीवरी पार्टनर्स और अर्बन कंपनी के सर्विस प्रोवाइडर्स वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था के अदृश्य पहिए हैं, लेकिन इन्हीं कंपनी मालिकों की अरबों डॉलर की वैल्यूएशन इन मेहनतकश लोगों की टूटी हुई कमर और जोखिम भरी जिंदगी पर खड़ी है।
राघव चड्ढा ने कहा, “जब भी हम फोन पर बटन दबाते हैं और हमारे पास मैसेज आता है-‘आपका ऑर्डर रास्ते में है,’ ‘आपकी राइड आ गई है’ तो उसके पीछे कोई इंसान होता है जो समय से पहले पहुंचने के लिए रेड सिग्नल जंप करता है। तेज रफ्तार में बाइक चलाता है। सिर्फ एक मिनट की देरी होने पर उसकी रेटिंग गिरती है, इंसेंटिव कट जाता है या कई बार उसकी आईडी तक ब्लॉक कर दी जाती है।”
चड्ढा ने सदन में तीन प्रमुख समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। 10 मिनट डिलीवरी मॉडल के कारण राइडर्स रोज अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं ताकि उन्हें खराब रेटिंग और ग्राहक की शिकायतों से बचाया जा सके। वर्कर्स 12-14 घंटे तक भीषण गर्मी, ठंड, प्रदूषण और बारिश में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम करते हैं। सोशल सिक्योरिटी जैसे न स्थायी नौकरी, न ढंग का बीमा, न मेडिकल सुरक्षा, न ही भविष्य की कोई गारंटी, यह सब मिलकर इन्हें असुरक्षित और मजबूर बनाता है। राघव चड्ढा ने कहा, “ये लोग रोबोट नहीं हैं। ये किसी के पिता हैं, किसी के पति हैं, किसी के भाई और किसी के बेटे हैं। ये अपना दर्द छिपाकर मुस्कुराते हुए आपका पार्सल देते हैं और कहते हैं, ‘सर, प्लीज फाइव स्टार रेटिंग दे देना।’
उन्होंने संसद से अपील की कि कम से कम 10 मिनट डिलीवरी के दबाव पर गंभीर चर्चा जरूर की जाए और गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने पर विचार हो। अंत में उन्होंने कहा, “देश इन मौन योद्धाओं की मेहनत पर चलता है। हमें इनकी गरिमा, सुरक्षा और उचित भुगतान सुनिश्चित करना ही होगा।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी उन्होंने लिखा, “आज संसद में, मैंने जोमैटो और स्विगी डिलीवरी बॉयज, ब्लिंकिट और जेप्टो राइडर्स, ओला और उबर ड्राइवर, अर्बन कंपनी के प्लंबर और टेक्नीशियन के बारे में बात की। उन्हें इज्जत, सुरक्षा और सही सैलरी मिलनी चाहिए।
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