
नई दिल्ली । टीम इंडिया (Team India)के लिए मैनचेस्टर टेस्ट(manchester test) मैच का ड्रॉ होना इसलिए भी जीत कहा जाना चाहिए, क्योंकि भारतीय टीम(Indian Team) ने इंग्लैंड को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तोड़ डाला। यही कारण था कि बेन स्टोक्स भी अपने पक्ष में मैच नहीं जाता देख मैच को ड्रा कराने के लिए भारतीय बल्लेबाजों से हाथ मिलाने के लिए आतुर नजर आए। बेन स्टोक्स से जब रविंद्र जडेजा ने ड्रॉ के लिए हाथ नहीं मिलाया तो वे हताश नजर आए। इस तरह भारत ने मानसिक तौर पर इंग्लैंड को तोड़ा, जबकि शारीरिक तौर पर भारत ने इंग्लैंड को इस तरह तोड़ा कि इंग्लैंड को 260 ओवर के करीब गेंदबाजी करनी पड़ी।
दरअसल, चौथे और पांचवें टेस्ट मैच के बीच का अंतर बहुत कम है, जबकि इंग्लैंड की टीम को मैनचेस्टर में करीब 260 ओवर दोनों पारियों में गेंदबाजी करनी पड़ी। पहली पारी में 114.1 ओवर, जबकि दूसरी पारी में 143 ओवर इंग्लैंड ने किए। वाइड और नो बॉल्स को मिलाया जाए तो यह आंकड़ा 260 ओवरों के आसपास पहुंचता है। अब इंग्लैंड के लिए परेशानी ये है कि उन्होंने चौथे और पांचवें दिन 143 ओवर फेंके, जबकि पांचवां टेस्ट शुक्रवार 31 जुलाई से शुरू होना है। ऐसे में उनके गेंदबाज निश्चित रूप से थके हुए होंगे और इससे इंजरी के चांस बढ़ जाते हैं।
भारत के नजरिए से देखें तो उन्होंने इस मैच में 157 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन ज्यादातर गेंदबाजी उन्होंने दूसरे और तीसरे दिन की। ऐसे में उनको रिकवरी का टाइम मिल जाएगा। खुद को अपने गेंदबाजों को थकता हुआ देख बेन स्टोक्स ने जल्दी हाथ मिलाकर ड्रॉ कराने की कोशिश की थी और जब जडेजा नहीं माने तो उन्होंने ताना भी दिया कि हैरी ब्रूक की गेंदों पर आप शतक पूरा करके क्या करोगे? स्टोक्स, ब्रायडन कार्स, क्रिस वोक्स, जोफ्रा आर्चर और लियाम डॉसन सभी को भारतीय बल्लेबाजों ने थका दिया था।
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