
पटना. बिहार में लालू परिवार (Lalu Prasad) में पावर शिफ्टिंग को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है. मसला पार्टी के पोस्टर्स में जगह पाने से जुड़ा है. दरअसल, रविवार को पटना में छात्र आरजेडी का कार्यक्रम था, जिसको लेकर पटना में पार्टी के ऑफिस के बाहर बड़ा पोस्टर लगा था. इस पोस्टर पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की तस्वीर नहीं थी, लेकिन अपने माता-पिता यानी लालू-राबड़ी के साथ तेजप्रताप यादव थे, ऐसे में कार्यक्रम खत्म होते ही देर रात जो पार्टी आफिस के बाहर पोस्टर लगा था, उसे उतार दिया गया.
पोस्टर पर लगे छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव की तस्वीर पर भी कालिख पोत दी गई. आकाश यादव को तेजप्रताप का करीबी माना जाता है. इसके बाद आनन-फानन में रातों-रात ही तेजप्रताप यादव की तस्वीर वाले छात्र आरजेडी के पोस्टर को बदल दिया गया और सोमवार को जो नया पोस्टर लगा उसमें से तेजप्रताप यादव नदारद हैं. रविवार के पोस्टर में जहां तेजस्वी यादव की तस्वीर नहीं थी तो वहीं नए पोस्टर में तेजप्रताप मीसिंग हैं.
दोनों भाइयों के एक-दूसरे के पोस्टर में शामिल नहीं करने पर मनमुटाव जैसी बातों का बाजार गर्म है. इससे पहले तेजस्वी यादव के पोस्टर में भी तेजप्रताप को जगह नहीं मिली थी, ऐसे में मनमुटाव की बातों से इनकार नहीं किया जा सकता है. तेजप्रताप द्वारा बुलाई गई बैठक को लेकर लगाए गए पोस्टर में तेजस्वी को जगह नहीं मिलने को पहले के पोस्टर से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजद के कुछ नेताओं ने दबी जुबान में बताया कि इससे पहले राजद के बड़े कार्यक्रमों और चुनाव के दौरान लगाए गए पोस्टर में तेजप्रताप यादव को भी शामिल नहीं किया गया था. पोस्टर में शामिल नहीं करने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि यह अंदरूनी नाराजगी का नतीजा है. हांलाकि, इस मसले पर जब रविवार को तेजप्रताप यादव से सवाल पूछा गया था तो उनका कहना था कि तेजस्वी मेरा अर्जुन है जो मेरे दिल में है और वो बिहार का सीएम है. उन्होंने इस मसले पर सवाल करने से मीडियाकर्मियों को ही मसाला खोजने वाला मुद्दा करार दिया था.
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