
पटना। टिकट के बदले पैसे लेने के आरोप लगने के बाद से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई टॉम, डिक या हैरी मेरे खिलाफ मामला दर्ज करता है तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन सवाल यह है कि शिकायतकर्ता को 5 करोड़ रुपये कहां से मिले? तेजस्वी यादव ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और शिकायतकर्ता के आरोप निराधार साबित होने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए।
लोकसभा चुनाव के टिकट की हुई थी डील
पांच करोड़ रुपये लेकर टिकट न देने का आरोप कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह की ओर से लगाया गया है। उन्होंने पटना के सीजेएम कोर्ट में 18 अगस्त को परिवाद दायर किया था। उनका आरोप है कि भागलपुर से लोक सभा का टिकट देने के लिए सभी आरोपितों ने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की थी। 15 जनवरी 2019 को उन्होंने यह रुपये दे भी दिए, इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा, लेकिन वह भी नहीं मिला।
छह लोगों के किलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने तेजस्वी व मीसा के अलावा बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर व शुभानंद मुकेश व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। हालांकि, शनिवार देर रात तक पुलिस को कोर्ट का आदेश न मिल पाने के कारण एफआईआर नहीं दर्ज की जा सकी।
तेजस्वी ने दी थी जान से मारने की धमकी
संजीव कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि टिकट न मिलने पर उन्होंने तेजस्वी यादव से संपर्क किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। आरोपों की सुनवाई के बाद सीजेएम विजय किशोर सिंह ने सभी के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए। पटना एसएसपी ने बताया कि अभी तक पुलिस को ऐसा आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश मिलते ही उसका पालन किया जाएगा।
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