पटना। उच्चतम न्यायालय (supreme court) में सोमवार सुबह एक असामान्य घटनाक्रम में एक अधिवक्ता राकेश किशोर ने अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर.गवई (Judge Justice B.R.Gavai) पर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश की, जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने उस अधिवक्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस घटना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने कड़ी निंदा की है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने इसे दलित विरोधी मानसिकता करार देते हुए इसे बाबा साहेब आंबेडकर पर हमला बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने इस घटना के बहाने बीजेपी को भी घेरा है।
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, ‘सर्वोच्च न्यायालय में ही मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका गया। यह हमारे लोकतांत्रिक और न्यायिक इतिहास की एक शर्मनाक घटना है। जब देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन व्यक्ति को न्यायालय में ही इस तरह के अपमान का सामना करना पड़े, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। 2014 के बाद जिस तरीके से राजकीय संरक्षण में विभिन्न-विभिन्न माध्यमों से देश में घृणा और हिंसा को नॉर्मलाइज किया गया है यह उसका दुष्परिणाम है।
बता दें कि अदालत कक्ष में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने उन पर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश की जिसके तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हरकत में आकर उस अधिवक्ता को पकड़ लिया और कक्ष से बाहर ले गये। इस व्यवधान के कारण अदालत की कार्यवाही कुछ देर तक बाधित रही लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गयी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षाकर्मी जब अधिवक्ता को बाहर ले जा रहे थे तो उसने चिल्लाते हुए कहा, “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”। मुख्य न्यायाधीश ने संयम दिखाते हुए व्यवधान के तुरंत बाद कार्यवाही फिर से शुरू की। उन्होंने दूसरे वकीलों से बहस जारी रखने का आग्रह करते हुए शांतिपूर्वक कहा, “ध्यान मत भटकाइए। हम इससे विचलित नहीं हैं।”घटना के बाद अदालत कक्ष के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गयी।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने की निंदा
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “ भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी आर गवई जी से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है।”
कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले को संविधान पर हमला करार दिया है। उन्होने एक वक्तव्य में कहा “भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर उच्चतम न्यायालय में हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि न्यायमूर्ति.गवई पर हमले का प्रयास अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित है। यह हमारी न्यायपालिका की गरिमा और विधि के शासन पर हमला है। मुख्य न्यायाधीश अपनी योग्यता, निष्ठा और दृढ़ता के बल पर सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुँचे हैं और उनको इस तरह निशाना बनाना बेहद विचलित करने वाली स्थिति है।
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