
नई दिल्ली । गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) की ओर से तीन संदिग्ध आतंकियों (suspected terrorists) की गिरफ्तारी के बाद रिसिन जहर (ricin poisoning) चर्चा में है। जानकारों के मुताबिक, रिसिन सबसे घातक जहर में से एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) को 2020 में और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2013 में रिसिन जहर के जरिये जान से मारने की कोशिश की जा चुकी है। ओबामा को दो बार लिफाफों में यह जहर भेजा गया था। इस जहर को लिफाफे में खत पर पाउडर छिड़क कर भेजा गया था।
रिसिन आसानी से बनाया जा सकने वाला सफेद पाउडर है। इसे इंजेक्शन से, खाने में मिलाकर या सांस के जरिये दिया जा सकता है। सांस के जरिये इसे देने का तरीका सबसे खतरनाक माना जाता है, जिससे एक ही समय में ज्यादा लोगों को निशाना बनाया जा सकता है। इसकी चपेट में आने से किसी व्यक्ति की 48 से 72 घंटे में मौत हो सकती है। खास यह है कि दुनिया में अभी तक इसका कोई एंटीडोट या औषधि नहीं बनी है।
अरंडी के बीज में होता है रिसिन
अरंडी के बीज में जहरीला प्रोटीन रिसिन पाया जाता है। अरंडी के एक बीज में 5 से 10 प्रतिशत तक रिसिन हो सकता है। रिसिन जिस भी कोशिका के संपर्क में आता है, उसके अंदर प्रोटीन सिंथेसिस बंद कर देता है। इससे कोशिका मर जाती है। रिसिन शरीर की कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह कोशिकाओं की प्रोटीन बनाने की क्षमता खत्म कर देता है। इसकी वजह से शरीर के बेहद जरूरी काम रुक जाते हैं। यदि व्यक्ति बच भी जाए तो कई अंग स्थायी रूप से बेकार हो जाते हैं। शोधों के मुताबिक, सिर्फ टीकाकरण ही रिसिन से मौत को रोकने में असरदार हो सकता है। रिसिन का शिकार होने के चार घंटे के अंदर इलाज मिल पाए तभी कुछ कारगर हो सकता है।
1.78 मिलीग्राम जान लेने के लिए काफी
रिसिन को खाना सबसे कम खतरनाक होता है। यदि सांस के जरिये शरीर में गया या फिर शरीर में इंजेक्ट कर दिया जाए तो इसका हजारवें हिस्से जितनी मात्रा भी घातक हो सकती है। एक आम इंसान को मारने के लिए महज 1.78 मिलीग्राम रासिन काफी है।
जासूसी और युद्ध में होता रहा है इस्तेमाल
रसिन का जासूसी और युद्ध में इस्तेमाल होता रहा है। इकोनॉमिक सर्वे से पता चला है कि दुनिया भर में हर साल 10 लाख टन से ज्यादा अरंडी के बीज तैयार होते हैं। वाणिज्यिक उत्पादन से लगभग 50,000 टन शुद्ध रिसिन मिल सकता है। रिसिन कमरे के तापमान पर बहुत स्थायी होता है।
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