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अमेरिकी टैरिफ के असर से निपटने के लिए केंद्र की बड़ी तैयारी, 45,000 करोड़ की दो योजनाओं को मंजूरी

November 13, 2025

नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) ने अमेरिका (America) के भारी टैरिफ (tariffs) के असर से निपटने में निर्यातकों की मदद के लिए 45,000 करोड़ रुपये (Rs 45,000 crore) की दो योजनाओं (schemes) को मंजूरी दी है। इसमें 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन का मकसद भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करना है। दूसरी, निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये तक की संपार्श्विक-मुक्त ऋण सहायता सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय किए गए।

निर्यात संवर्धन मिशन के तहत अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों वस्त्र, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद को मदद दी जाएगी। इसमें खासकर पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए सूक्ष्म, लघु, मध्य उद्यम (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। यह मिशन इस वित्त वर्ष से शुरू होगा और छह वित्त वर्ष के लिए होगा। इस कदम से निर्यातकों को अमेरिका के लगाए गए भारी टैरिफ से निपटने में मदद मिलेगी।


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मिशन को दो उपयोजनाओं 10,401 करोड़ के निर्यात प्रोत्साहन एवं 14,659 करोड़ रुपये के निर्यात दिशा योजना के जरिये क्रियान्वित किया जाएगा। यह व्यापक मिशन है और यह संपूर्ण निर्यात तंत्र को समर्थन देगा। इस कदम से घरेलू निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ से बचाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगा दिया है।

भारतीय उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच होगी आसान
निर्यात प्रोत्साहन: ब्याज अनुदान, निर्यात लेनदारी लेखा क्रय, गारंटी, ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए क्रेडिट कार्ड और नए बाजारों में विविधीकरण के लिए ऋण वृद्धि सहायता जैसे कई साधनों के जरिये एमएसएमई के लिए किफायती व्यापार वित्त तक पहुंच में सुधार पर केंद्रित है।

निर्यात दिशा: गैर-वित्तीय सक्षमताओं पर केंद्रित है, जो बाजार की तैयारी और प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाती हैं। इसमें निर्यात गुणवत्ता और अनुपालन सहायता, अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग, पैकेजिंग के लिए सहायता और व्यापार मेलों में भागीदारी, निर्यात भंडारण और लॉजिस्टिक्स, अंतर्देशीय परिवहन प्रतिपूर्ति व व्यापार खुफिया और क्षमता निर्माण पहल शामिल हैं।

क्रेडिट गारंटी योजना में 100 फीसदी कवरेज
क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसई) के तहत राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लि. (एनसीजीटीसी) की ओर से सदस्य ऋणदाता संस्थानों को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज दिया जाएगा, ताकि एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त क्रेडिट सुविधाएं दी जा सकें। योजना वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) की ओर से लागू की जाएगी। इससे भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ने और नए व उभरते बाजारों में विविधीकरण को समर्थन मिलने की उम्मीद है। योजना में सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।

अहम खनिजों पर युक्तिसंगत रॉयल्टी
वैष्णव ने बताया, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम पर रॉयल्टी दरों को युक्तिसंगत बनाने को मंजूरी दी है। इससे चारों खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी को बढ़ावा मिलेगा। इससे इन खनिजों के साथ पाए जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लिथियम, टंगस्टन, आरईईएस और नियोबियम को भी प्राप्त किया जा सकेगा। इन खनिजों का उपयोग परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रिक वाहनों, घड़ियों, जीपीएस प्रणालियों व चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है।

डीजीएफटी कार्यान्वयन एजेंसी का काम करेगा
निर्यात संवर्धन मिशन को निर्यात बाधाएं दूर करने के लिए तैयार किया गया है। इसके लिए  विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। आवेदन से वितरण तक की सभी प्रक्रियाएं एकीकृत समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधित की जाएंगी।

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