
भोपाल। मोदी सरकार (Modi Government) ने घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना (Saubhagya Yojana) शुरू की थी। इस योजना के तहत मप्र में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बड़ी फर्जीवाड़ा किया है। कंपनी के करीब 80 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने कागजों में खंभे गाढ़ दिए, लाइन बिछा दी और घर-घर बल्व जलवा कर करोड़ों का भ्रष्टाचार कर डाला है। कंपनी ने स्पॉट वेरिफिकेशन (Spot Verification) कराया तो फर्जीवाड़ा (Forgery) पकड़ में आया। अब ठेकेदार समेत अधिकरियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) भी दर्ज कराने की तैयारी है। मोदी सरकार की सौभाग्य योजना (Saubhagya Yojana) के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र कंपनी के 21 जिलों में लगभग 7.26 लाख घर चिन्हित हुए थे। इन घरों को रोशन करने नए पोल, ट्रांसफार्मर और लाइन खींचनी थी। कई घर दुर्गम पहाड़ों पर बने थे। कुल 998 करोड़ की योजना थी। इस राशि से 11 केवी की 4260 किमी लंबी लाइन बिछाना था। वहीं 5,388 ट्रांसफार्मर (Transformer) लगाए जाने थे। जबकि 7250 किमी घरेलू लाइन बिछाया जाना था। सबसे अधिक 12 हजार घर सिंगरौली में चिन्हित हुए थे। यहां 85 करोड़ रुपए खर्च होने थे।
इन जिलों में फर्जीवाड़ा
बिजली कंपनी के अधिकारी और ठेकेदार ने मिलीभगत से सिंगरौली, मंडला, डिंडोरी, सीधी, सागर, सतना में जमकर भ्रष्टाचार किया। यहां के कई दुर्गम क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने का काम कागजों में दर्शाया गया। कई जगह पोल लगे तो तार और ट्रांसफार्मर ही नहीं लगाया। कई पुराने कनेक्शनों को सौभाग्य में दर्शा दिया गया। यहीं नहीं जहां आधा किमी की लाइन बिछानी थी, वहां एक से डेढ़ किमी का दिखाकर भुगतान ले लिया। अकेले मंडला व डिंडोरी में 12 हजार कनेक्शन सिर्फ कागजों में लगा दिए गए। 25 हजार से अधिक कनेक्शनों में गड़बडी मिली है। लगभग 43 करोड़ का ये पूरा घोटाला है। स्पॉट वेरीफिकेशन कराने पर 2019 में ये मामला सामने आया। तब से जांच जारी थी। अब 79 अधिकारी-कर्मचारियों व ठेकेदारों के खिलाफ जांच पूरी हुई है।
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