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अगले तीन महीने में ‘टोल बूथ फ्री’ हो जाएगा देश, नितिन गडकरी ने बतायी सरकार की नई पॉलिसी

August 12, 2021

नई दिल्‍ली । सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को प्रमुख उद्योग चैंबर (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने सीआईआई के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वह समय जल्द आएगा, जब हम सभी को हाईवे पर एक भी टोल प्लाजा (toll plaza) नहीं दिखेंगे। केंद्र सरकार टोल वसूली (toll collection) के लिए प्लाजा की जगह जीपीएस ट्रैकिंग (GPS Tracking) वाला सिस्टम लागू करने जा रही है। इसके लिए वह अगले तीन महीने में नई पॉलिसी (new policy) लाएगी।

अगले एक साल में लागू हो जाएगा जीपीएस टोल कलेक्शन वाला सिस्टम
गडकरी ने कहा कि देश में फिलहाल जीपीएस के जरिए टोल वसूली वाली टेक्नोलॉजी नहीं है। लेकिन सरकार ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने इसी साल मार्च में कहा था कि सरकार जल्द ही टोल बूथ खत्म कर देगी। एक साल में उसकी जगह पूरी तरह जीपीएस से चलने वाला टोल कलेक्शन सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।

सड़क बनाने वाली कंपनियां से सीमेंट और स्टील का इस्तेमाल घटाने की अपील की
राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री ने सड़कों के निर्माण में लगी सभी कंपनियों से लागत को सीमित रखने के लिए सीमेंट और स्टील का इस्तेमाल घटाने की अपील की है। उन्होंने इन दोनों सामान की लागत और मात्रा घटाने के लिए कंसल्टेंटों से नए विचारों के साथ सामने आने की अपील की। साथ ही गडकरी ने घरेलू स्टील और कंपनियों पर गोलबंदी करने का आरोप भी लगाया है।


टोल टैक्स गाड़ियों पर लगी जीपीएस इमेजिंग से वसूला जाएगा
उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा था, ‘मैं सदन को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि एक साल के भीतर सभी टोल बूथ हटा लिए जाएंगे। टोल कलेक्शन जीपीएस के जरिए होने लगेगा, यानी टोल की रकम गाड़ियों पर लगी जीपीएस इमेजिंग के हिसाब से वसूल की की जाएगी।’

पुरानी गाड़ियों को भी जीपीएस से लैस करने की रहेगी कोशिश
पिछले साल दिसंबर 2020 में गडकरी ने कहा था कि जीपीएस आधारित नया सिस्टम रूसी विशेषज्ञता वाला लागू होगा। इस सिस्टम में गाड़ी जितनी दूरी चलेगी, उसके हिसाब से गाड़ी वाले के एकाउंट या ई-वॉलेट से टोल टैक्स अपने आप कट जाएगा। गडकरी ने कहा था कि आजकल की पैसेंजर और कमर्शियल गाड़ियां ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस ) के साथ आ रही हैं, इसलिए सरकार पुरानी गाड़ियों को भी जीपीएस से लैस करने की कोशिश करेगी।

फिलहाल देश में है फास्टैग वाला इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम
फिलहाल देश भर में फास्टैग वाला इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू है। इसको नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ऑपरेट कर रही है। इस सिस्टम में गाड़ियों की विंडस्क्रीन पर फास्टैग चिपकाया जाता है। जिससे कि गाड़ी वालों को टोल देने के लिए बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होती। सब ऑटोमेटिक अपने आप प्रोसेस हो जाता है। जब भी गाड़ी टोल बूथ से पास होती है, टोल की रकम गाड़ी वाले के प्रीपेड या बैंक एकाउंट से ऑटोमेटिक कट जाती है।

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