
नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) आने वाले 15 दिनों में अपना नया रूप दिखाने को तैयार है. डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन (Decade of Transformation) एक्शन प्लान के तहत पहले चरण की समयसीमा अगस्त के अंत तक तय की गई है. सेना युद्धस्तर (Army War Level) पर इसे पूरा करने में जुटी है. इस योजना के तहत दिव्यास्त्र बैटरी, भैरव बटालियन और शक्तिबाण रेजिमेंट को पूरी तरह ऑपरेशनल (Operational) किया जाएगा.
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में भारतीय सेना ने दुश्मन देशों (Enemy Countries) को करारा सबक सिखाया और अपनी संयुक्त युद्ध क्षमता (Joint Warfare Capability) का प्रदर्शन किया. इसी सफलता के बाद सेना ने अपने डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन प्लान को तेज कर दिया.
चीन ने अपनी पूरी सैन्य इलाकों को 5 थियेटर कमांड में बदल दिया है. भारतीय सीमा से सटे इलाकों का नियंत्रण वेस्टर्न थियेटर कमांड के पास है, जिसमें चीन की थल सेना और वायुसेना एक साथ तैनात रहती है. यही नहीं, चीन ने अपनी कई सैन्य डिविजनों को कंबाइनड आर्म्ड ब्रिगेड (CAB) में तब्दील कर दिया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भी चीनी हथियारों के सहारे भारत से टकराने की तैयारी में है. पाकिस्तान अपनी आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड बना रहा है.
भारतीय सेना की आर्टिलरी का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. इसी के तहत पुनर्गठन का काम तेजी से चालू है. पहले फेज की डेडलाइन अगस्त ही रखी गई है. तोपखाने को आधुनिक बनाने के लिए सेना दिव्यास्त्र बैटरी और शक्तिबाण रेजिमेंट का गठन कर रही है. दिव्यास्त्र बैटरी में आर्टिलरी गन के साथ लॉयटरिंग म्यूनिशन और ड्रोन शामिल होंगे. पहले चरण में 5 बैटरियां तैयार की जा रही हैं. दूसरी ओर, शक्तिबाण रेजिमेंट में केवल ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन होंगे तोप नहीं. पहले चरण में 3 शक्तिबाण रेजिमेंट स्थापित की जाएंगी.
पहले चरण में 5 भैरव बटालियन बनाई जा रही हैं. यह लाइट कमांडो यूनिट स्पेशल फोर्स और इंफेंट्री यूनिट के बीच कड़ी का काम करेगी. भारी हथियारों से लैस न होकर, इनका फोकस तेज और सटीक हमलों पर होगा, जिससे दुश्मन को चौंकाया जा सके. सेना की हर इंफेंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून भी जोड़ी जा रही है, जिसका काम निगरानी और आक्रामक कार्रवाई दोनों करना होगा. अगस्त अंत तक सभी ड्रोन प्लाटून सक्रिय हो जाएंगी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘रुद्र’ ब्रिगेड के गठन की प्रक्रिया तेज हुई. अभी तक 2 इंफेंट्री ब्रिगेड को ऑल आर्म्स रुद्र ब्रिगेड में बदला जा चुका है, जिसमें इंफेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम एक साथ काम करते हैं. इन बदलावों से भारतीय सेना की मारक क्षमता, प्रतिक्रिया समय और तकनीकी में कई गुना बढ़ोतरी होगी, जिससे वह भविष्य के किसी भी संघर्ष में निर्णायक बढ़त हासिल कर सकेगी.
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