
इंदौर. इंदौर (indore) के राऊ सर्कल (Rau Circle0 से गुजरे मुंबई-आगरा नेशनल हाइवे (Mumbai-Agra National Highway) पर 8 महीने पहले बने फ्लाईओवर (Flyover) पर अब दोनों तरफ गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं. इस फ्लाईओवर पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. पिछले 15 दिनों में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें एक युवक की मौत भी हुई है. बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से फ्लाईओवर की मरम्मत की मांग की है. टेंडर की शर्तों में 5 साल तक मेंटेनेंस का उल्लेख है, लेकिन मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा.
इंदौर से पीथमपुर या माहू जाते समय फ्लाईओवर पर चलते ही शुरुआत में डामर पूरी तरह उखड़ चुका है. थोड़ा आगे बड़ा गड्ढा है, जिसमें छोटी गाड़ियां फंस जाती हैं. बीच में छोटे-छोटे गड्ढे हैं, जिन्हें पेविंग ब्लॉक से ढका गया था, लेकिन यह नाकाम रहा. अब गड्ढे भरने के लिए मुरम का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे गाड़ियां असंतुलित हो जाती हैं. फ्लाईओवर की दूसरी तरफ एक बड़ा और चौड़ा गड्ढा है, जिसमें टायर फंसने से गाड़ियों का संतुलन बिगड़ जाता है.
मुंबई-माहू से इंदौर की ओर आते समय सबसे ज्यादा परेशानी है. यहां शुरुआत में ही बड़ा गड्ढा है, जिसे एजेंसी ने पेविंग ब्लॉक से भरा था, लेकिन वह फिर से उखड़ गया. फ्लाईओवर के बीच में सबसे बड़ा गड्ढा है. इसके अलावा 100 से 125 मीटर तक गड्ढे ही गड्ढे हैं. नीचे उतरते समय अंत में डामर पूरी तरह गायब है. यहीं सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं. सर्विस रोड की हालत भी खराब है. दोनों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें छोटे वाहन फंस जाते हैं. वाहन चालकों को इन्हें निकालने के लिए दूसरों की मदद लेनी पड़ती है. पानी भरने से गड्ढों का पता नहीं चलता, जिससे छोटे वाहन अटक जाते हैं.
स्थानीय विधायक मधु वर्मा ने कहा, ”हमने NHAI और फ्लाईओवर एजेंसी को स्पष्ट कहा है कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. जल्द ही गड्ढों को ठीक किया जाएगा. डामर का पैचवर्क शुरू होगा.”
BJP सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि सात महीने में गड्ढे होने की शिकायत मिली थी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर निर्माण कार्य की जांच की मांग की है.
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि ट्रिपल इंजन सरकार का यह विकास 6 महीने में गड्ढों में बदल गया. उन्होंने निष्पक्ष जांच और ब्रिज बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अप्रैल 2022 में इस फ्लाईओवर का निर्माण रीवा की मेसर्स विंध्य कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा था. परियोजना का उद्देश्य राऊ सर्कल पर लगने वाले जाम और हादसों को कम करना था, लेकिन कंपनी के घटिया निर्माण के कारण फ्लाईओवर पर गड्ढे हो गए, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है.
रोजाना गुजरने वाले एक वाहन चालक राजेश चौधरी ने बताया, ”ब्रिज बने अभी साल भी नहीं हुआ और बड़े-बड़े गड्ढे हो गए. गाड़ी स्पीड नहीं पकड़ पाती और गड्ढों में अटकने से गाड़ियों के पुर्जे टूट रहे हैं. 47 करोड़ का यह ब्रिज 27 करोड़ का भी नहीं लगता.”
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