विदिशा। एसपी मोनिका शुक्ला (SP Monika Shukla) ने शनिवार को शहर में एक दिन पहले हुए हत्याकांड का खुलासा किया। हत्या करने वाले एक युवक और हत्या (youth and murder) करवाने वाले चार अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर किया है। बताया गया है कि यह हत्या सुपारी देकर करवाई गई थी।
एसपी ने बताया कि गुरुवार की शाम पांच बजे पीडब्ल्यूडी परिसर में पूर्व ठेकेदार, आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार रंजीत सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी और घटना से जुड़े अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त किया गया हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
पूछताछ के दौरान यह बात भी सामने आई कि घटना के 7 दिन पहले से इसकी साजिश रची जा चुकी थी। इस दौरान अंकित यादव को मृतक के सामने दो बार लाया गया ताकि उसकी ठीक ढंग से पहचान हो सके। घटना के कुछ समय पहले एस कुमार चौबे ने अंकित को पीडब्ल्यूडी कार्यालय बुलाया था और रंजीत के वहां होने की जानकारी दी थी। कार्यालय के पीछे अंकित वाहन खड़ा करके पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचा। कनपटी पर पीछे से बहुत नजदीक से गोली चलाकर वह फरार हो गया।
पैसों का लेनेदेन बनी वजह
एसपी मोनिका शुक्ला ने बताया कि मृतक 2015 के पहले तक इन्हीं लोगों के साथ ठेकेदारी का काम किया करता था। काम में घाटा लगने और इन सभी का पैसा वापिस करने को लेकर विवाद होने लगा था। रंजीत द्वारा चार लाख 60 हजार रुपये का चैक जसवंत को और एक लाख के लगभग का चैक एस कुमार को दिया था। जो बाउंस हो गया। जिसका केस न्यायालय में अभी भी चल रहा है। इस बीच दोनों पक्षों में कई बार हाथापाई भी हुई। थाने में दोनों पक्षों पर मामले भी दर्ज हुए हैं। 2015 के बाद मृतक रंजीत आरटीआई एक्टिविस्ट बन गया। कहीं न कहीं उसके द्वारा निकाली गई जानकारियों से भी जसवंत और उनके साथी परेशान थे। यही वजह हत्या के लिए साजिश के रूप में सामने आई। हत्या की साजिश रचने वाले तीनों व्यक्तियों, हत्यारे अंकित और अंकित तक पहुुंचाने वाले शैलेन्द्र पटेल को भी गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि घटना के बाद से ही पुलिस इस हत्याकांड को जल्द से जल्द खोलने के लिए जीजान से जुटी थी। सीसीटीवी फुटेज न होना पुलिस के सिरदर्द बना हुआ था। कॉल डिटेल, बड़ी संख्या में लोगों से पूछताछ के आधार पर हत्याकांड का खुलासा हो सका। वहीं बताया गया कि रात को ही भोपाल रेंज के आईजी भी विदिशा में कई घंटे रूक और अपनी निगरानी में पूछताछ भी कराई। एसपी ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करने के लिए चार टीमें बनाई थीं। अपनी ओर से 10 हजार रुपये का इनाम पुलिसकर्मियों को देने की घोषणा की है तो वहीं वरिष्ठ कार्यालय से भी पुलिसकर्मियों को इनाम देने की अनुशंसा की है।
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