
नई दिल्ली। भारत (India) में रईसों की संख्या में इजाफा (Increase Number of rich people) हुआ है। देश में अब एक करोड़ डॉलर (करीब 87 करोड़ रुपए) से अधिक की संपत्ति वाले भारतीयों की संख्या पिछले साल छह प्रतिशत (Six percent increase) बढ़कर 85,698 हो गई। वहीं, भारत में अब 191 अरबपति हैं। यह जानकारी वैश्विक रियल एस्टेट परामर्श कंपनी नाइट फ्रैंक (Real estate consultancy company Knight Frank) की बुधवार को जारी ‘द वेल्थ रिपोर्ट-2025’ में सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में उच्च नेटवर्थ वालों (एचएनडब्ल्यूआई) की संख्या बढ़कर 2024 में 85,698 होने का अनुमान है, जबकि 2023 में यह संख्या 80,686 थी। कंपनी ने कहा कि 2028 तक यह संख्या बढ़कर 93,753 पर पहुंचने की उम्मीद है। इससे पता चलता है कि भारत में अमीरों की संख्या बढ़ रही है।
ज्यादा संपत्ति मजबूत आर्थिक वृद्धि को दर्शाती
उच्च नेटवर्थ वाले लोगों की बढ़ती संख्या देश की मजबूत दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि, बढ़ते निवेश अवसरों और विकसित हो रहे लक्जरी बाजार को दर्शाती है। यह भारत को वैश्विक धन सृजन में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ सालों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
2019 में यह संख्या सिर्फ सात थी
भारत में अरबपतियों की आबादी में भी 2024 में सालाना आधार पर मजबूत वृद्धि हुई है। परामर्श कंपनी ने कहा कि वर्तमान में भारत में 191 अरबपति हैं। इनमें से 26 पिछले साल ही इस श्रेणी में शामिल हुए जबकि 2019 में यह संख्या सिर्फ सात थी। यानी 5 साल में इनकी संख्या 27 गुना से अधिक बढ़ी है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि भारत में बढ़ती संपत्ति इसकी आर्थिक मजबूती और दीर्घकालीन वृद्धि क्षमता को दर्शाती है। देश में बढ़ती उद्यमशीलता, वैश्विक एकीकरण और उभरते उद्योगों के साथ हाई नेटवर्थ वैल्यू वाले व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
रियल एस्टेट-इक्विटी में लोग निवेश कर रहे
शिशिर बैजल ने कहा कि भारत का उच्च नेटवर्थ वाला वर्ग अपनी निवेश प्राथमिकताओं में रियल एस्टेट से लेकर वैश्विक इक्विटी तक को तवज्जो दे रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में वैश्विक संपत्ति सृजन में भारत का प्रभाव और मजबूत होगा।
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