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सीनियर लीडर के तीखे बयान से शशि थरूर और कांग्रेस में बढ़ी दरार, जानें क्या कहा…

July 21, 2025

नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन (K. Muralidharan) ने रविवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक शशि थरूर (Shashi Tharoor) राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर अपना रुख नहीं बदलते, तब तक उन्हें तिरुवनंतपुरम में पार्टी (Party) के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा.

एजेंसी के मुताबिक कांग्रेस नेता मुरलीधरन ने ये भी साफ कर दिया कि शशि थरूर अब ‘हम हमारे नहीं रहे’. उन्होंने कहा कि थरूर कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्य जरूर हैं, लेकिन उनके हालिया बयानों और रुख ने पार्टी की आंतरिक एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि वह अब हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए उनके बहिष्कार की बात ही नहीं उठती.


ये बयान तब आया जब मीडिया ने मुरलीधरन से शशि थरूर के उस बयान पर सवाल किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘देश पहले आता है और पार्टी देश को बेहतर बनाने का माध्यम है.

क्या कहा था शशि थरूर ने?
कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर ने कहा था कि कई लोग उनकी आलोचना इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में देश और सीमाओं से जुड़े घटनाक्रम पर सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार का समर्थन किया. शशि थरूर ने यह भी कहा कि मैं अपने रुख पर कायम रहूंगा, क्योंकि मुझे लगता है कि यह देशहित में सही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब कोई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अन्य पार्टियों के साथ सहयोग की बात करता है, तो अपनी ही पार्टी को यह बात विश्वासघात जैसी लगती है, जो एक बड़ी समस्या बन जाती है.

के. मुरलीधरन ने पहले भी साधा थरूर पर निशाना
बता दें कि के. मुरलीधरन पहले भी थरूर पर निशाना साध चुके हैं, खासकर तब जब थरूर ने एक जनमत सर्वेक्षण शेयर किया था, जिसमें उन्हें यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) की ओर से केरल का सीएम चेहरा बताया गया था. उस वक्त मुरलीधरन ने कहा था कि उन्हें पहले तय करना चाहिए कि वे किस पार्टी के हैं.

‘राजनीतिक रास्ता स्पष्ट करें थरूर’
पार्टी में ये विवाद तब और बढ़ा जब शशि थरूर ने एक मलयालम अखबार में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की आलोचना करते हुए लेख लिखा था. मुरलीधरन ने इसे लेकर भी थरूर पर हमला बोला और कहा कि अगर वे कांग्रेस के भीतर असहज महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें अपना राजनीतिक रास्ता स्पष्ट करना चाहिए.

कब से शुरू हुआ टकराव?
शशि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच यह टकराव पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उनके बयानों से और बढ़ गया, जिन्हें पार्टी की लाइन से हटकर माना गया और जिनकी वजह से पार्टी को रक्षात्मक मुद्रा अपनानी पड़ी. ये घटनाक्रम इशारा करता है कि कांग्रेस के भीतर विचारधारा और नेतृत्व को लेकर गहरी खींचतान चल रही है.

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