
इंदौर। इंदौर प्रवास पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। दिग्विजयसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग की साख बचाने के लिए देश के 272 रिटायर्ड जज, आईपीएस और आईएएस अधिकारियों से दस्तखत करवाए, जिनमें कई भाजपा और आरएसएस से जुड़े हुए हैं तथा जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोग, जिनके घरों पर करोड़ों रुपए भी मिले, चुनाव आयोग का पक्ष ले रहे हैं, जबकि आयोग पूरी तरह “बेईमानी” पर उतर आया है।
दिग्विजयसिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत देते हुए कहा कि वे ऐसे मामलों से स्वयं को अलग रखें। उन्होंने कहा कि अब देश में लोकतंत्र के साथ संविधान बचाने का भी समय आ गया है। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर पूरे देश में संविधान बचाने के लिए बैठकें, सभाएं और जनसंवाद किए जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं से अपील करते हुए कहा कि देश के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए वे आगे आएं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एसआईआर के माध्यम से लोगों का वोट छीन रही है और आगे चलकर नागरिकता छीनने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा कि यदि नागरिकता छीन ली गई और मनचाही वोटर लिस्ट बना दी गई, तो देश में लोकतंत्र की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। इस अवसर पर रेसिडेंसी कोठी पर उनके साथ विनय बाकलीवाल, सुरजीत सिंह चड्ढा, सुवेग राठी, मेहमूद खान सहित अन्य कांग्रेसजन मौजूद रहे।
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