वाशिंगटन। पाकिस्तान में महज 23 हजार कारखाने हैं जबकि यहां पर 6.04 लाख मस्जिदें और 36 हजार से ज्यादा मदरसे मौजूद हैं। पहली आर्थिक जनगणना रिपोर्ट (economic census report) ने पाकिस्तान की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर का यह दिलचस्प पहलू उजागर किया है। पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसन इकबाल ने बृहस्पतिवार को यह रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब पाकिस्तान गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है और सात अरब डॉलर के राहत पैकेज की दूसरी किस्त के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से बातचीत कर रहा है।
फिर किस पर टिकी पाकिस्तान की इकनॉमी?
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक क्षेत्र से संबंधित आंकड़े ‘जनसंख्या एवं आवास जनगणना, 2023’ के तहत जुटाए गए थे, लेकिन इसका विवरण बृहस्पतिवार को जारी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 23,000 कारखाने मौजूद हैं जबकि छोटी उत्पादन इकाइयों की संख्या 6.43 लाख पाई गई है। रिपोर्ट कहती है कि केवल 7,086 इकाइयां ही ऐसी हैं जहां 250 से ज्यादा लोग काम करते हैं। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था छोटे कारोबार पर टिकी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब चार करोड़ स्थायी प्रतिष्ठान हैं जिनमें से 72 लाख प्रतिष्ठान ही रोजगार उपलब्ध कराते हैं। इनमें कुल 2.54 करोड़ लोग काम कर रहे हैं। सर्वाधिक 1.13 करोड़ यानी 45 प्रतिशत लोग सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं जबकि सामाजिक क्षेत्र में 30 प्रतिशत और उत्पादन क्षेत्र में 22 प्रतिशत लोग कार्यरत हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने इन आंकड़ों पर कहा, “सेवा क्षेत्र में रोजगार पाने वालों की संख्या उत्पादन क्षेत्र की तुलना में दोगुनी है। यह धारणा गलत है कि उद्योग ही सबसे बड़ा रोजगारदाता है।” आर्थिक जनगणना से पता चला कि पाकिस्तान में 27 लाख खुदरा दुकानें, 1.88 लाख थोक दुकानें, 2.56 लाख होटल और लगभग 1.2 लाख अस्पताल हैं। प्रदेशवार आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब प्रांत में सबसे अधिक 58 प्रतिशत प्रतिष्ठान हैं जबकि सिंध में 20 प्रतिशत और बलूचिस्तान में महज छह प्रतिशत प्रतिष्ठान हैं।
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