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भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर ज्यादा मतभेद नहीं, बोले डोनाल्ड ट्रंप के चुने राजदूत सर्जियो गोर

September 12, 2025

नई दिल्ली. भारत (India) में अगले राजदूत (ambassador) पद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा चुने गए सर्जियो गोर (Sergio Gor) ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर बहुत ज्यादा मतभेद नहीं हैं. आने वाले हफ्तों में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी समस्याओं का हल निकल सकता है. सर्जियो गोर ने ये भी कहा कि ट्रंप ने क्लियर कर दिया है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करना होगा. साथ ही कहा कि ब्रिक्स के भीतर विभिन्न मुद्दों पर भारत हमारे पक्ष में रहा है.

ट्रंप के करीबी सहयोगी और व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के डायरेक्टर सर्जियो गोर ने कहा कि हाल के टैरिफ विवादों और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर मतभेद होने के बावजूद अमेरिका और भारत के संबंध अच्छे और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण बने हुए हैं.


अमेरिकी राजदूत बनने के लिए सीनेट समिति की सुनवाई में सर्जियो गोर ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ के मुद्दे पर ज्यादा मतभेद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह जल्द ही, अगले कुछ हफ्तों में सुलझ जाएगा. गोर ने यह भी बताया कि अमेरिका और भारत के दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्य एक जैसे हैं और चीन के मुकाबले उनके रिश्ते ज्यादा अच्छे हैं.

बता दें कि सर्जियो गोर व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के डायरेक्टर हैं और ट्रंप के करीबी सहयोगी माने जाते हैं. उनका नॉमिनेशन अमेरिका-भारत संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी के मुद्दे प्रमुख होंगे.

क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्री?
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सर्जियो गोर का सीनेट पैनल के सामने परिचय कराया. रुबियो ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध महत्वपूर्ण हैं, जो भविष्य में दुनिया का नक्शा तय करेगा. रुबियो ने कहा कि सर्जियो गोर को भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने अमेरिका-भारत संबंधों की महत्ता पर विशेष जोर दिया और कहा कि यह वर्तमान समय में अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय रिश्तों में से एक है. रुबियो ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया की कहानी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लिखी जाएगी. इस क्षेत्र में भारत केंद्र में है. इसी कारण हमने इंडो-पैसिफिक कमांड का नाम बदलकर इसे और महत्व दिया है. भारत के साथ हमारे संबंध इस समय असाधारण परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं, हमारे सामने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर हमें भारत के साथ मिलकर काम करना है. इनमें यूक्रेन की स्थिति और क्षेत्रीय मामलों का असर भी शामिल है.

कितना है द्विपक्षीय सालाना व्यापार?
अमेरिका लंबे समय से भारत को चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए अहम साथी मानता आया है. लेकिन व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के रिश्ते की मजबूती पर सवाल खड़ा कर दिया है. भारत ने अपने कृषि और डेयरी क्षेत्र खोलने से मना कर दिया, जिससे टैरिफ पर बातचीत प्रभावित हुई. फिलहाल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार सालाना 190 अरब डॉलर से ऊपर है.

भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव
अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. हालांकि ट्रंप प्रशासन ने पहले 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया, जो कि 27 अगस्त से लागू हो गया है. अमेरिका ने अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने की वजह भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को बताया था.

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