बड़ी खबर

नीतीश कैबिनेट में ये 15 लोग होंगे शामिल


पटना। शाम साढ़े 4 बजे के करीब नीतीश कुमार को राज्यपाल बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। इसी बीच बड़ी खबर भी आ गई है जो नीतीश के मंत्रिमंडल से जुड़ी है। सूत्रों के मुताबिक बिहार की नई सरकार के इस पहले शपथ ग्रहण समारोह में जो नेता शपथ लेंगे उनमें 6 जेडीयू, 6 बीजेपी और एक-एक हम और वीआईपी से होंगे। राजनीतिक गलियारे में चल रहे कयासों को मानें तो सीएम नीतीश समेत 14 नेताओं के शपथ की भी चर्चा तेज हो गई है। ऐसी स्थिति में बीजेपी और जेडीयू से 6- 6 नेताओं के शपथ होंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में ही होगा।

तारकिशोर प्रसाद बन सकते हैंडिप्टी सीएम
कल से ही ये चर्चा भी तेज है कि तारकिशोर प्रसाद सुशील कुमार मोदी को रीप्लेस कर नए उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान तारकिशोर प्रसाद से जब पूछा गया कि क्या वो डिप्टी सीएम बनने जा रहे हैं तो उनका जवाब था कि ‘लगता तो है’। जाहिर है कि इस ‘लगता तो है’ से उन्होंने एक तरह से संकेत दिया है।

ये रहे नीतीश की नई कैबिनेट के 15 नाम
हालांकि, मंत्रिमंडल के स्वरूप और सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर मुख्यमंत्री आवास में शाम साढ़े 6 बजे से लेकर देर रात तक मंथन का दौर जारी रहा। इस मंथन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा BJP नेता देवेन्द्र फडणवीस, भूपेन्द्र यादव, संजय जायसवाल, नागेन्द्र जी, तारकिशोर प्रसाद जबकि JDU नेता विजय कुमार चौधरी और आरसीपी सिंह भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार JDU से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि बिजेन्द्र प्रसाद यादव मंत्री, वीआईपी से मुकेश सहनी जबकि हम प्रमुख जीतन राम मांझी के पुत्र एमएलसी डॉ. संतोष सुमन मंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं, BJP से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी का शपथ लेना तय माना जा रहा है। अगर अधिक की संख्या पर मुहर लगी तो BJP के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, JDU के श्रवण कुमार, नरेन्द्र नारायण यादव, महेश्वर हजारी आदि भी शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा एक-दो नाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।

ये रहेगा मंत्रिमंडल गठन में NDA का नया पैटर्न
सूत्रों के मुताबिक तो एनडीए की नई सरकार का पहला शपथ ग्रहण समारोह फिलहाल छोटे स्वरूप में होगा। सीएम समेत 14 मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद निकट भविष्य में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से BJP को सबसे अधिक 20-21 जबकि JDU को सीएम समेत 13-14 मंत्री मिलेंगे।

ये 12 चेहरे नई सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे
जो 12 चेहरे नई सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे उनमें से दो का पूरे राज्य को अफसोस है। बीजेपी कोटे के पूर्व मंत्री विनोद सिंह और जेडीयू कोटे से पूर्व मंत्री कपिलदेव कामत, ये दोनों ही अब दुनिया में नहीं रहे। कोरोना के चलते दोनों का निधन हो चुका है। जबकि बाकी दस चुनाव हार गए हैं। इनमें JDU के 8 और BJP के 2 मंत्री शामिल हैं। बीजेपी के सुरेश शर्मा और ब्रजकिशोर बिंद जबकि जेडीयू के कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, जयकुमार सिंह, शैलेश कुमार, लक्ष्मेश्वर राय, संतोष निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, रमेश ऋषिदेव, रामसेवक सिंह विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में इनके नई सरकार में दिखने की उम्मीद फिलहाल न के बराबर है।

RJD के खिलाफ मजबूत वोट बैंक बनाने की तैयारी में BJP
बिहार में करीब पिछले डेढ़ दशक से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भले ही सत्ता से बाहर है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य का मजबूत और बड़ा वोट बैंक अभी भी इस पार्टी के साथ जुड़ा है। बीजेपी ये भली-भांति समझती है कि अगर बिहार में लंबे समय तक राजनीति में टिकना है तो आरजेडी के समांतर वोटबैंक तैयार करना होगा। इसी कड़ी में वैश्य समाज से आने वाले ताराकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, संजय जायसवाल को पद देने का फैसला लिया गया है।

बिहार में बीजेपी एक नई जातिय समीकरण बनाने की तैयारी में जुटी है। कई गैर राजनीतिक संगठन मिलकर वैश्य समाज का एक मजबूत वोट बैंक एकजुट करने में जुटे हैं। वैश्य समाज के नामपर करीब 28 जाति और उपजाति के लोगों को लामबंद करने की तैयारी चल रही है। खास बात यह है कि इसमें अनुसूचित कैटेगरी में गिने जाने वाले बुनकर जाति के साथ उच्च जाति में गिने जाने वाले मारवाड़ी समाज के लोगों को भी वैश्य समाज में गिना जा रहा है।

 

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