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अस्थमा को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं ये आर्युवैदिक उपाय

November 06, 2025

नई दिल्ली। अस्थमा एक आम, पुरानी बीमारी है जिसमें ब्रोन्कियल (Bronchial) सूजन शामिल है। अस्थमा (Asthma) बहुत ज्यादा वायु संवेदनशीलता के लक्षणों को प्रदर्शित करता है। अचानक वायु मार्ग का संकुचन – जिसे एपिसोड भी कहा जाता है – जिससे घरघराहट, खांसी होती है, फेफड़ों पर दबाव बढ़ जाता है, तेज हृदय गति, छाती में जकड़न, और बलगम उत्पादन में वृद्धि होती है। 

यष्टिमधु
यष्टिमधु, एक लकड़ी की जड़ है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। ये ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षणों से राहत देता है। एक कप यष्टिमधु दिन में तीन बार लेने से अस्थमा रोगियों को राहत मिलेगी।
हर्बल चाय



अजवायन, तुलसी, काली मिर्च और अदरक मिलाकर चाय तैयार करें और इसे दिन में एक से दो बार पिएं।

वासका
वासाका (Vasaka) एक शक्तिशाली भारतीय जड़ी बूटी है जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और अत्यधिक बलगम स्राव के इलाज के लिए जाना जाता है। एक चम्मच वासाका दिन में दो बार दो चम्मच शहद के साथ लेने का सुझाव दिया जाता है।

तुरंत राहत के उपाय
काली मिर्च, शहद और प्याज के रस के मिश्रण का सेवन करें।

छाती पर गर्म पानी का तौलिया रखने से छाती की मांसपेशियों को आराम मिलता है और नियमित रूप से सांस लेने में मदद मिल सकती है।

गतिविधियां और सावधानियां
व्यायाम (Exercise) के कई फायदे हैं, जैसा कि हम सभी जानते हैं। तो अस्थमा के रोगियों(Asthma patients) के लिए तैराकी (स्वीमिंग) बेहद फायदेमंद है। जब तक व्यक्ति को क्लोरीन से एलर्जी न हो।

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य सूचना उद्देश्‍य के लिए है इन्‍हें किसी चिकित्‍सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्‍यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें ।

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