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इन आदतों से बढ़ सकता है दिमाग की नस फटने का खतरा

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (global pandemic corona virus) के इस दौर में हम और भी कई घातक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसी दौरान युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) का खतरा भी काफी बढ़ रहा है, आखिर युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) का खतरा बढ़ क्यों रहा है, इसके बारे में जानने से पहले ये जानना बहुत जरूरी है कि आखिर ये ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) है क्या?
आपको बता दें कि मस्तिष्क जन्तुओं के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण केन्द्र है। यह उनके आचरणों का नियमन एंव नियंत्रण करता है। स्तनधारी प्राणियों में मस्तिष्क सिर में स्थित होता है तथा खोपड़ी द्वारा सुरक्षित रहता है।
दूसरी तरफ नसों के जाम होने से आपको अपने अंगों में दर्द या ब्लड फ्लो के बिगड़ने का अनुभव हो सकता है। नसों के ब्लॉक होने से आपको दिल का दौरा, हृदय रोग, धमनी रोग और दिमाग की नसें फटना यानी स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याओं का जोखिम हो सकता है। कई बार खाने-पीने की गलत आदतों के कारण नसों में प्लेक (Plaque) जमा होता रहता है जिसे आम भाषा में गंदगी कहा जाता है। एक समय बाद इसकी मात्रा बढ़ने से नसें ब्लॉक हो सकती हैं। जाहिर है ऐसा होने से शरीर में रक्तप्रवाह यानी ब्लड फ्लो (Blood flow) धीमा हो सकता है या थम सकता है।
अगर हम एक्सपर्ट्स की माने तो नसों के जाम (Clogged Arteries) होने से आपको अपने अंगों में दर्द या ब्लड फ्लो के बिगड़ने का अनुभव हो सकता है। नसों के ब्लॉक होने से आपको दिल का दौरा, हृदय रोग, धमनी रोग और दिमाग की नसें फटना यानी स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याओं का जोखिम हो सकता है।



खाने-पीने की कुछ चीजें शरीर को कोलेस्ट्रॉल नामक एक मोमी पदार्थ का बहुत अधिक उत्पादन करने का कारण बन सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा हो सकता है और उन्हें सख्त और बंद कर सकता है। ऐसा होना हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। रोजाना खाई जाने वाली कुछ चीजें हैं, जो नसों में गंदगी जमा करती हैं, जिनसे आपको किसी भी कीमत पर बचना चाहिए।

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