
नई दिल्ली. शनिवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई। इस बैठक में मनरेगा (MANREGA) की जगह नया कानून लाने, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly elections) की रणनीति पर भी बात हुई। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हुए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।
एसआईआर को बताया सोची-समझी साजिश
कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण एक गंभीर मुद्दा है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी साजिश है।’ खरगे ने मनरेगा की जगह नया कानून लाने पर भी नाराजगी जाहिर की और कहा, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मनरेगा को लेकर ठोस रणनीति बनाएं और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी जन अभियान चलाएं।
रोजगार गारंटी योजना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन की बनेगी रणनीति
बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार के खिलाफ कांग्रेस के एक्शन प्लान पर भी चर्चा हुई। साथ ही मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून ‘विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी एक्ट के खिलाफ रणनीति भी तय की गई। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि इस कानून के विरोध में देशभर में आंदोलन और प्रदर्शन किए जाएंगे।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा
बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों- तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के प्रमुखों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। अगले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कार्यसमिति की बैठक में इन चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
कांग्रेस सांसद ने असम सरकार को घेरा
गौरव गोगोई ने असम सीएम पर भी निशाना साधा और कहा, ‘हिमंत बिस्वा सरमा के राज में, रोजाना भ्रष्टाचार और कुशासन का पर्दाफाश हो रहा है। हर दिन, आप उनके कैबिनेट के किसी न किसी विधायक के बारे में गलत कारणों से खबरें देखते हैं। कभी गायों की तस्करी में शामिल, कभी जमीन खरीदने को लेकर किसी को धमकी देना, कभी अवैध रेत माफिया या कोयला माफिया से जुड़े होना, और तो और किसी की नागरिकता पर भी सवाल उठ रहे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा सरकार में एक विधायक हैं जिनकी बांग्लादेशी होने की पहचान पर सवाल उठे हैं। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब वह खुद नहीं दे पाए हैं।’ कार्यसमिति की बैठक से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।
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