
विरोध तो रुक गया लेकिन काम कैसे करें
कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के तहत नियुक्ति के नाम पर हुई पैराशूट एंट्री का स्थानीय नेताओं द्वारा किया जा रहा विरोध अब थम गया है। इसके साथ ही नवनियुक्त अध्यक्षों के सामने अब काम करने की बेला आ गई है। बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति कर मतदाता सूची की जांच करना एक बड़ी चुनौती है। कांग्रेस संगठन को इस तरह के काम करने की आदत नहीं है। ऐसे में इस बार ऊपर से आदेश आने के कारण इस काम को करने की चुनौती शहर और जिला अध्यक्ष के सामने आ गई है। इस काम की खानापूर्ति किस तरह से की जाए, इस पर अब दिमाग लगाया जा रहा है। शहर के अध्यक्ष चिंटू चौकसे अपने भरोसे के लोगों के दम पर काम कर लेने की कोशिश में है तो जिला के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े के सामने इस काम को करने की चुनौती जरा ज्यादा बड़ी हो गई है। इसके लिए पिछले दिनों गांधी भवन में आयोजित की गई बैठक में शहरी क्षेत्र के नेताओं की तो भीड़ लग गई थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से ऊंगली पर गिने जाने लायक नेता ही पहुंचे थे। अध्यक्ष पद की दौड़ में लगे नेता अब अपने-अपने घरों में आराम से बैठ गए हैं और यह देखने में लगे हैं कि आखिर काम कैसे होता है। कहने वाले कहते हैं कि इस समय कांग्रेस के अंदर स्थापित नेताओं द्वारा नए अध्यक्षों के साथ असहयोग आंदोलन चलाया जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि असहयोग की यह बेला कब तक जारी रहती है…
आहुति देने में हाथ जल गए…
सीतला माता बाजार का विवाद केवल विधायक पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ के हाथ में था। जो क्रेडिट मिल रही थी वह भी उन्हें अकेले मिल रही थी और कांग्रेस का जो खेमा हमलावर हो रहा था, उसके निशाने पर भी वह अकेले ही थे। ऐसे में भाजपा के बाकी सभी नेताओं ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी थी। इस स्थिति में अचानक ही इस विधानसभा क्षेत्र में गौड़ परिवार की सल्तनत को चुनौती दे रहे महापौर पुष्यमित्र भार्गव मैदान में आ गए। उन्होंने विधायक पुत्र के समर्थन में न केवल बयान दिया, बल्कि कांग्रेस को चुनौती देने की भी कोशिश की। यह अलग बात है कि उनकी बात को ज्यादा तवज्जो नहीं मिली और इस पूरे मामले का हिंदुत्व वाला श्रेय अकेले एकलव्य के खाते में रहा। भाजपा की अंदरूनी राजनीति में महापौर को सपोर्ट करने वाले नेता भी उनके इस स्टैंड से हतप्रभ रह गए। ऐसे में अब महापौर हतप्रभ नजर आ रहे हैं। इसे कहते हैं आहुति देने में हाथ जल जाना…
सुमित मिश्रा की विवशता
भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा की हालत बड़ी खराब चल रही है। शहर में जितने भी विवादित मुद्दे होते हैं, उनमें से किसी भी मुद्दे पर उनसे बात करने की कोशिश करो तो वह अपना पल्ला झाड़ कर दूर खड़े होने की कोशिश करते हैं। सत्ता वाली पार्टी का शहर अध्यक्ष हर विवाद पर पार्टी का स्टैंड सामने रखने के बजाय जब खामोशी साध लेता है तो फिर बात होने लगती है। मामला चाहे बीआरटीएस तोडऩे का हो या शहर की जनता पर हेलमेट थोपने का हो और अभी ताजा स्थिति में सीतला माता बाजार का हो… हर मामले को खामोश रहकर सुमित ने मामले के निपट जाने का इंतजार किया है। ऐसा लगता है कैसे भी खामोश रहकर ही अपना कार्यकाल पूरा कर लेना चाहते हैं…
फिर शहर इकाई के गठन की हलचल शुरू
भाजपा की शहर इकाई के गठन के हलचल फिर से शुरू हो गई है। दशहरा के मौके पर भोपाल से यह जानकारी आई कि वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अगले दो सप्ताह के अंदर प्रदेश इकाई का गठन कर दिया जाए। इस फैसले के साथ ही एक बार फिर इंदौर सहित जिन शहरों की इकाई का गठन अटका हुआ है, उसकी चर्चा शुरू हो गई है। ऐसा समझा जाता है कि दीपावली के त्योहार की बेला में भाजपा की शहर इकाई का गठन हो सकता है। सारी राजनीति तो इस बात पर टिकी हुई है कि आखिर महामंत्री कौन से गुट का होगा। यह विवाद अपनी जगह बना हुआ है। एक अनार सौ बीमार वाली हालत में हर कोई यह देखना चाहता है कि कौन से ग्रुप को मिलती है ताकत…
कांग्रेस के सामने महापौर की गुगली
सीतला माता बाजार में जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के विरोध में आंदोलन करने आए थे तो उस आंदोलन से शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने किनारा कर लिया था। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने क्रिकेट की भाषा में गुगली गेंद फेंक दी है। लव जिहाद को फंडिंग करने के आरोप में पुलिस केस का सामना कर रहे कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी को पार्षद पद से अयोग्य घोषित करने के मामले को आगे बढ़ा दिया है। पहले तो महापौर ने कोशिश की थी कि संभाग आयुक्त के माध्यम से कांग्रेस पार्षद को अयोग्य घोषित कर दिया जाए। इस काम में जब सफलता नहीं मिली तो उन्होंने निगम परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव रख दिया है। इस प्रस्ताव के माध्यम से चिंटू को घेरने की कोशिश है। हिंदू वोट साधने के लिए यदि चिंटू इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो कांग्रेस पार्षद दल में विद्रोह हो जाएगा और यदि विरोध करते हैं तो पूरे शहर में गलत मैसेज जाएगा। अब महापौर ने ऐसा जाल फेंका है, जिसमें चिंटू की हालत एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई वाली हो गई है…
युवा कांग्रेस का फर्जीवाड़ा उजागर…
युवा कांग्रेस में नए सदस्य बनाओ और मतदान कराओ… की नीति अपनाई गई थी। इस नीति के तहत ही संगठन के अंदर लोकतंत्र के नाम पर चुनाव कराए गए। इस चुनाव के मौके पर चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं द्वारा नए सदस्य भी बनाए गए। सदस्य बनाने में किस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है, यह तो हाल ही में इस चुनाव के लिए गठित किए गए चुनाव प्राधिकरण ने उजागर कर दिया है। इंदौर शहर और जिले में मिलाकर सदस्यता के 33000 आवेदन रिजेक्ट हुए हैं तो 15000 ऑन होल्ड हो गए हैं। इस तरह से 48000 आवेदन से फर्जीवाड़े की गंध आ गई है। केवल 30000 आवेदन बचे हैं और उनके मतदान के आधार पर पार्टी के पदाधिकारी के निर्वाचन की घोषणा होना है। यही कारण है कि कहने वाले कहने से नहीं चूकते हैं कि इस तरह के फर्जीवाड़े के चुनाव के कारण ही यह संगठन कागजी संगठन से आगे बढक़र मैदानी संगठन नहीं बन पा रहा है। अब इस फर्जीवाड़े के उजागर होने के बाद दीपावली के त्योहार की बेला में ही इस चुनाव के परिणाम की घोषणा करने की तैयारी हो रही है। इसमें शहर में तो अमूमन मुकाबला नहीं माना जा रहा है, लेकिन जिले में हालात कांटापकड़ के हैं…
आखिरी बात
देवास से इंदौर विकास प्राधिकरण के मुखिया का सफर तय करने वाले जयपाल सिंह चावड़ा इन दिनों राजनीति के परिदृश्य से गायब हो गए हैं। पूरी नवरात्रि के उत्सव के दौरान भी कहीं नजर नहीं आए। अब भाजपा के नेता ही पूछ रहे हैं कि क्या नेताजी वापस देवास चले गए हैं..?
-डा जितेन्द्र जाखेटिया
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