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यहां छिपा हजारों साल पुराना इतिहास? पूम्पुहार में समुद्र के अंदर खुदाई कर रहा तमिलनाडु, जानें

September 21, 2025

नई दिल्‍ली । कीझाडी के बाद अब तमिलनाडु(Tamil Nadu) के पूम्पुहार में समुद्र तल(Sea level at Poompuhar) की खुदाई शुरू हो गई है। यह खुदाई प्राचीन तमिल सभ्यता (Ancient Tamil Civilization)की गौरवशाली विरासत(glorious heritage) को दुनिया के सामने लाएगी। यह अभियान 19 सितंबर को तमिलनाडु पुरातत्व विभाग और इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी के सहयोग से शुरू हुआ। यह गहन समुद्री खुदाई प्रारंभिक चोल राजधानी पूम्पुहार और मध्यकालीन व्यापार केंद्र नागपट्टिनम के बीच हो रही है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ समुद्री व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि यह गहरे समुद्र की खोज प्राचीन सभ्यता के उन रहस्यों को उजागर करेगी, जो कभी यहां फली-फूली थीं।

पूम्पुहार को पहले कावेरीपूम्पट्टिनम के नाम से जाना जाता था। यह वर्तमान में मयिलाडुतुरै जिले में स्थित है। इससे पहले 1991 में पूम्पुहार में समुद्र के नीचे सर्वेक्षण किया गया था। मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पूम्पुहार कीझाडी जितना ही प्राचीन हो सकता है। उन्होंने कहा, “यह गहन समुद्री खुदाई दुनिया को उस गौरवशाली पूम्पुहार की कहानी बताएगी, जो समुद्र में डूब गया था।” कीझाडी वैगई नदी के किनारे शिवगंगा जिले में स्थित है। वहां की खुदाई में संगम काल (लगभग 2,500 वर्ष पुराना) की एक शहरी सभ्यता के प्रमाण मिले हैं, जो एक समृद्ध औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र था।


1981 में की गई एक प्रारंभिक समुद्री खोज में पुरातात्विक अवशेषों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। इसमें ईंट की संरचनाएं, मिट्टी के बर्तन और तटवर्ती क्षेत्र में घाट की दीवारें मिली थीं। 2023 में भारतदासन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में समुद्र के नीचे दबे एक प्राचीन बंदरगाह शहर के और सबूत मिले, जिसमें 50-100 मीटर की गहराई पर एक बड़ा बंदरगाह, बस्तियां और जहाज निर्माण स्थल के प्रमाण शामिल थे।

इससे पहले वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर पूम्पुहार में समुद्री खोज की शुरुआत की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा, “तमिलों का इतिहास अब समुद्र के नीचे भी खोजा जाएगा। पूम्पुहार, जो संगम और उत्तर-संगम साहित्य में एक प्रसिद्ध बंदरगाह के रूप में जाना जाता है, वहां पुरातात्विक खोज शुरू हो चुकी है ताकि प्राचीन तमिल सभ्यता की प्राचीनता का अध्ययन किया जा सके।”

शनिवार को एक अन्य पोस्ट में थंगम थेन्नारासु ने मुख्यमंत्री का पुरातात्विक और वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से प्राचीन तमिलों की महिमा को विश्व भर में प्रचारित करने के प्रयासों में समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। एक सूत्र के अनुसार, इस खोज अभियान का नेतृत्व प्रख्यात पुरातत्वविद् और लेखक के. राजन और तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग के संयुक्त निदेशक आर. सिवानंतम सहित विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। कुछ गोताखोरों ने एडवांस उपकरणों का उपयोग कर समुद्र तल की असामान्यताओं को मैप करने और दस्तावेजीकरण करने का कार्य शुरू किया है। यह अभियान तमिलनाडु की प्राचीन सभ्यता और इसके समुद्री व्यापार के इतिहास को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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