
जबलपुर। सोशल मीडिया के जरिये युवकों को बहला-फुसलाकर हनी ट्रैप में फंसाने और फिर ब्लैकमेल कर मोटी रकम की मांग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस हाईप्रोफाइल प्रकरण ने यादव कॉलोनी चौकी की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संदेह गहराने के बाद पुलिस विभाग ने दो कॉन्स्टेबल को चौकी से हटाते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की है, वहीं चौकी प्रभारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है। अब यह प्रकरण सिर्फ ब्लैकमेल नहीं, बल्कि थाने-चौकी स्तर की संभावित मिलीभगत की जांच में तब्दील हो चुका है।
कैसे बुना हनी ट्रैप का छलावा
बेलखेड़ा निवासी पीडि़त युवक ने बताया कि बीते दिनों उसके बड़े पापा के लड़के से इंस्टाग्राम पर ‘रागिनी शर्माÓ नामक युवती ने चौटिंग शुरू की। बातचीत इतनी तेज़ी से बढ़ी कि युवती ने खुद मिलने का प्रस्ताव रख दिया। शुक्रवार दोपहर युवती ने मैसेज किया, आज मिल लो, नहीं तो मैं करेली नरसिंहपुर लौट जाऊंगी। युवक अपने भाई के साथ मिलने तैयार हो गया। युवती ने उन्हें बताया कि उसका दोस्त ईडब्ल्यूएस क्वार्टर, शताब्दीपुरम में रहता है, और वहीं मिलने के लिए बुलाया।
पैसे, शराब और वीडियो… ब्लैकमेल का पूरा स्क्रिप्ट तैयार
जांच में सामने आया कि मुलाकात के शुरुआती चरण में युवती ने 500 रुपये नकद ले लिए। इसके बाद चाइनीज़ खाना, बीयर की बोतल और सिगरेट मंगवाए गए। कुछ देर बाद युवती ने फोन कर अपने दो साथियों विवेक तिवारी एवं साहिल बर्मन को मौके पर बुलाया। आते ही दोनों ने वीडियो बनाना शुरू किया और मारपीट की। इसके बाद आरोपियों ने धमकी दी एक लाख रुपये दो, नहीं तो तुम्हें दुष्कर्म के केस में फंसा देंगे। युवक डर गया, परिजनों को बुलाया। परिजनों ने पैसे देने से स्पष्ट इंकार किया व रिपोर्ट करने सलाह दी।
कानूनी शिकंजा: तीन आरोपी गिरफ्तार
सीएसपी रितेश कुमार के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ निम्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। धारा 308(2) गंभीर चोट पहुँचाने का प्रयास, 61(2), 296, 115(2), 3(5) धमकी, उगाही और अभद्रता सहित संबंधित प्रावधान । पुलिस ने रागिनी शर्मा, विवेक तिवारी एवं साहिल बर्मन को गिरफ्तार कर लिया है।
क्यों चौकी पर आई आंच?
मामले का सबसे बड़ा सवाल यह है पुलिस घटनास्थल पर इतनी तेजी से कैसे पहुंच गई? क्या चौकी स्तर पर किसी ने आरोपियों को संरक्षण दिया था? और क्या पूर्व शिकायतों को दबाया गया? सूत्रों के अनुसारचौकी के दो कॉन्स्टेबलों का व्यवहार संदिग्ध पाया गया है। दोनों को चौकी से हटाकर लाइन अटैच किया गया। चौकी प्रभारी छुट्टी पर है यह वही बिंदु है जिसने इस केस को हनी-ट्रैप से बढ़ाकर प्रणालीगत भ्रष्टाचार की संभावित कड़ी बना दिया है।
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