
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आज साउथ ईस्ट एशिया में (Today in South East Asia) सिंगापुर हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है (Singapore is our biggest Trade Partner) ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत के लोगों के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में समर्थन के लिए सिंगापुर के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद को लेकर हमारी समान चिंताएं हैं। हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के लोगों के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में समर्थन के लिए, मैं प्रधानमंत्री वॉन्ग और सिंगापुर सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री वॉन्ग की पहली भारत यात्रा पर, मैं उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। ये यात्रा और भी विशेष है, क्योंकि इस वर्ष हम दोनों देशों के संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। पिछले साल, मेरी सिंगापुर यात्रा के दौरान, हमने संबंधों को कंप्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया था। इस एक वर्ष में हमारे संवाद और सहयोग में गति और गहराई आई है। आज साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र में सिंगापुर हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। सिंगापुर से भारत में बड़े स्तर पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध निरंतर मजबूत हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज हमने अपनी पार्टनरशिप के भविष्य के लिए एक डिटेल्ड रोडमैप तैयार किया है। हमारा सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के अनुरूप, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन शिपिंग, स्किलिंग, सिविल न्यूक्लियर और अर्बन वाटर मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग के केंद्र बिंदु बनेंगे। हमने निर्णय लिया है कि आपसी व्यापार को गति देने के लिए द्विपक्षीय कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट और आसियान के हमारे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का समयबद्ध तरीके से रिव्यू किया जाएगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले साल हुए सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप समझौते ने रिसर्च और डेवलपमेंट को भी नई दिशा दी है। ‘सेमीकॉन इंडिया’ कांफ्रेंस में सिंगापुर की कंपनियां बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। चेन्नई में, सिंगापुर एक नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग स्थापित करने में सहयोग देगा। टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। हमने तय किया है कि एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी में सहयोग को बढ़ाया जाएगा। आज स्पेस सेक्टर में हुए समझौते से अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र सहयोग में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। हमने निर्णय लिया है, युवाओं के टैलेंट को जोड़ने के लिए इस साल के अंत में इंडिया-सिंगापुर हैकथॉन का अगला राउंड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज ग्रीन एंड डिजिटल कॉरिडोर्स के लिए हुए समझौते से मैरिटाइम सेक्टर में ग्रीन फ्यूल सप्लाई चेन और डिजिटल पोर्ट क्लियरेंस को बल मिलेगा। भारत अपने पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी से काम कर रहा है। इसमें सिंगापुर का अनुभव बहुत उपयोगी है। सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हम आसियान के साथ सहयोग और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के ज्वाइंट विजन को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
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