रायपुर। छत्तीसगढ (CG) में सुकमा जिले के टॉप नक्सली पति-पत्नी ने आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले (Alluri Sitarama, Raju district) में सरेंडर कर दिया है। दिरदो विज्जल उर्फ जयलाल (Jailal) और उसकी पत्नी डीवीसीएम मडवी गंगी उर्फ विमला उर्फ भीमे दक्षिण सब-जोनल कमेटी के सदस्य थे। छत्तीसगढ़ में जारी नक्सल विरोधी अभियान के लिए यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। दोनों पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
जयलाल पर घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला करने, पुलिस कैंप पर हमला करने, सुरक्षा बलों से दो मुठभेड़, बैंक डकैती और आईईडी ब्लास्ट जैसी घटनाओं में शामिल रहने के आरोप हैं। जयलाल की पत्नी विमला भी लगभग 20 साल से नक्सली संगठन में सक्रिय रही है। साल 2006 में नक्सली बनने के बाद उसने कोंटा, बडेसट्टी, मलेंगर और जगारगोंडा क्षेत्रों में नक्सल संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला था।
विमला पर भी कई मुठभेड़ों और हिंसक घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं। इन नक्सलियों के सरेंडर करने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। सुरक्षा बलों के नए कैंपों से नक्सलियों के हौसले पस्त हो गए हैं। नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। स्थानीय लोगों का भी माओवादी विचारधारा से दूर होना भी नक्सलियों को सरेंडर करने पर मजबूर कर रहा है।
आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सरकारों की पुनर्वास योजनाएं नक्सलियों हथियार डालने का कारण बनी हैं। इन्हीं वजहों के कारण इन नक्सलियों ने भी हथियार डाले हैं। एएसआर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित बरदार और सुकमा के एएसपी (नक्सल ऑपरेशन) ने कहा कि सरेंडर करने वालों के लिए सभी कल्याणकारी योजनाएं उपलब्ध हैं। अधिकारियों ने अन्य नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved