
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) संसद (Parliament) में बताया कि पिछले 11 वर्षों में रेलवे ट्रैक के उन्नयन और सुधार से तेज रफ्तार वाले ट्रैक का दायरा काफी बढ़ा है। लोकसभा में लिखित जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि 110 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक गति वाले ट्रैक का हिस्सा 2014 में 40 प्रतिशत था, जो नवंबर 2025 तक बढ़कर 79 प्रतिशत हो गया है। रेलवे में ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए ट्रैक अपग्रेडेशन और सुधार का काम बड़े पैमाने पर किया गया है, जिससे परिचालन क्षमता और सुरक्षा दोनों में सुधार हुआ है।
रेलवे का कहना है कि, रेलवे के ट्रैक नेटवर्क में रफ्तार को लेकर बड़ा सुधार हुआ है। 110 से 130 किमी प्रति घंटे की गति को सपोर्ट करने वाले ट्रैक का हिस्सा 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 57.5 प्रतिशत हो गया है। वहीं, 130 किमी प्रति घंटे और उससे अधिक स्पीड वाले ट्रैक 6.3 प्रतिशत से बढ़कर 21.8 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। संसद को यह भी बताया गया कि रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण मिशन मोड में किया गया है। अब तक ब्रॉड गेज नेटवर्क का करीब 99.2 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिफाइड हो चुका है। यह उपलब्धि ब्रिटेन (39 प्रतिशत), रूस (52 प्रतिशत) और चीन (82 प्रतिशत) जैसे देशों से भी आगे है।
रेल मंत्री ने संसद में जानकारी दी कि ट्रैक अपग्रेडेशन के तहत कई अहम कदम उठाए गए हैं। इनमें 60 किलोग्राम की रेल पटरी, चौड़े बेस वाले कंक्रीट स्लीपर, मजबूत स्विच, लंबे रेल पैनल, एच-बीम स्लीपर, आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण व रखरखाव मशीनें, लेवल क्रॉसिंग गेट की इंटरलॉकिंग और ट्रैक ज्योमेट्री की कड़ी निगरानी शामिल है। पिछले 10 वर्षों में सेक्शनल स्पीड में बड़ा सुधार देखने को मिला है। 110 किमी प्रति घंटे से कम रफ्तार वाले ट्रैक का हिस्सा 2014 में 60.4 प्रतिशत था, जो 2025 में घटकर 21.7 प्रतिशत रह गया है। इससे साफ है कि रेलवे नेटवर्क अब पहले के मुकाबले कहीं अधिक तेज और आधुनिक हो चुका है।
रेल मंत्रालय ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2023–24 में 7,188 रूट किलोमीटर और 2024–25 में 2,701 रूट किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। इसके साथ ही अब सभी नई लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ ही मंजूरी दी जा रही है और उनका निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी इस दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में मौजूदा ब्रॉड गेज रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। इससे ट्रेनों के संचालन में सुधार के साथ-साथ पर्यावरण को भी लाभ मिल रहा है।
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