
प्रयागराज । महाकुंभ (Maha Kumbh) में तमाम साधु संन्यासी (sadhu sannyasi) अपनी खासियतों से श्रद्धालुओं (Devotees) के उत्सुकता का विषय बने हुए हैं। ऐसे ही एक साधु हैं जो असम से आए हैं। उनके बाल और दाढ़ी (Hair and Beard) दोनों काफी लंबी है। जटाओं वाले इस बाबा ने बताया कि उनका बाल सात फीट लंबा है। इनका असली नाम त्रिपुरम सैकिया (Tripuram Saikia) है, जबकि दीक्षा के बाद गुरु ने उन्हें त्रिलोक बाबा (Trilok Baba) का नाम दिया है। वह असम के लखीमपुर जिले के हैं। त्रिलोक बाबा ने जूना अखाड़े में दीक्षा ली है। लाइव हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि यह उनका पहला कुंभ है।
काटकर ब्रह्मपुत्र नदी में चढ़ा दिए बाल
त्रिलोक बाबा ने बताया कि उन्होंने करीब 40 साल से यह जटा धारण कर रखी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने काफी पहले ही बाल वगैरह कटवाना बंद कर दिया था। अपनी जटा के बारे में वह कहते हैं कि इसकी लंबाई डेढ़ फुट और थी। लेकिन कुछ समय से यह पैरों में फंसने लगी थी। इसके चलते उन्होंने नीचे से इसका कुछ हिस्सा काटकर ब्रह्मपुत्र नदी में चढ़ा दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले संन्यास आदि के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन उनके गुरु ने उन्हें इसके बारे में जानकारी दी।
त्रिलोक बाबा ने बताया कि वह खेती-बाड़ी करते थे। उनकी छोटी सी दुकान भी थी और कपड़ों की सिलाई करते थे। उन्होंने कहाकि जटा रखने के चलते उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसको मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन यह भगवान की देन है। हम इसको बांधकर रखते हैं। उन्होंने कहाकि कुछ लोग उनकी जटा पर सवाल उठाते हैं। कई बार कहने लगते हैं कि यह असली है या नकली है। यह कहते ही त्रिलोक बाबा ने अपनी जटा को लहरा दिया और कहाकि अपनी आंखों से देख लीजिए कि यह असली है या नकली है।
बता दें कि 13 जनवरी को पहले शाही स्नान के साथ महाकुंभ 2025 का आगाज हो जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने सभी इंतजाम कर रखे हैं। खुद मुख्यमंत्री तैयारियों को परखने के लिए मेला क्षेत्र में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साधु संतों से मुलाकात भी की।
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