वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उनकी नजर अमेरिकी नौसेना (US Navy) पर है. ट्रंप को मौजूदा युद्धपोत ‘बदसूरत’ लगते हैं, और वो चाहते हैं कि नौसेना की ताकत को नया लुक और ताकत मिले. इसके लिए वो ‘गोल्डन फ्लीट’ नाम की एक नई नौसैनिक सेना की योजना बना रहे हैं, जो चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकेगी. आइए, इस खबर को सरल भाषा में समझते हैं.
ट्रंप का सपना: चमकदार और ताकतवर गोल्डन फ्लीट
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप अमेरिकी नौसेना को और मजबूत करना चाहते हैं. उनका मकसद है चीन की नौसैनिक ताकत का मुकाबला करना. इसके लिए वो ‘गोल्डन फ्लीट’ लाना चाहते हैं, जिसमें आधुनिक युद्धपोत होंगे. ये जहाज 15,000 से 20,000 टन वजनी होंगे और इन्हें भारी कवच के साथ बनाया जाएगा. खास बात ये कि इनमें हाइपरसोनिक मिसाइलें लगेंगी, जो बहुत तेज और सटीक होंगी. हडसन इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो और रिटायर्ड नेवी ऑफिसर ब्रायन क्लार्क ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया, “ये भविष्य का बैटलशिप होगा, जो लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस होगा.”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने भी हिंट दिया कि जल्द ही इस बारे में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है. उन्होंने कहा, “बस इंतजार कीजिए!” ट्रंप की ये योजना उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का हिस्सा है, क्योंकि वो चाहते हैं कि अमेरिका समुद्री ताकत में नंबर वन बने.
विशेषज्ञों की चिंता: दिखावा या जरूरत?
सब लोग ट्रंप के इस प्लान से सहमत नहीं हैं. फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के मार्क मॉन्टगोमरी ने कहा, “राष्ट्रपति का सौंदर्य बोध जहाजों की तकनीकी जरूरतों को तय नहीं कर सकता.” उनका मानना है कि नए जहाज बनाने से पहले पुराने जहाजों की मरम्मत पर ध्यान देना चाहिए. नौसेना में पहले से ही जहाजों की मेंटेनेंस का बैकलॉग है. इसके अलावा, हाल ही में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यूएसएनएस हार्वे मिल्क जहाज का नाम बदलने का आदेश दिया, जो गे राइट्स आइकन के नाम पर था. नौसेना में जहाजों का नाम बदलना असामान्य है और इससे विवाद भी हुआ.
क्यों जरूरी है गोल्डन फ्लीट?
चीन की नौसेना तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में ट्रंप का ये प्लान अमेरिका को समुद्र में मजबूत कर सकता है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ दिखावे की बात है या वाकई रणनीतिक जरूरत? ट्रंप की एशिया यात्रा और शी जिनपिंग से मुलाकात के बीच ये खबर और अहम हो जाती है. व्हाइट हाउस की घोषणा से सारी तस्वीर साफ होगी.
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