
नई दिल्ली । ओडिशा(Odisha) के बेहरामपुर(Behrampur) स्थित विशेष पॉक्सो (POCSO) अदालत ने शुक्रवार को चार वर्षीय नर्सरी छात्रा से दुष्कर्म(Nursery student raped) के मामले में सेना के दो कर्मियों को आजीवन कारावास(life imprisonment) की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों दोषियों पर 10,000 का जुर्माना भी लगाया। यह जघन्य अपराध 2 जनवरी को उस समय हुआ था जब बच्ची स्कूल से लौट रही थी। वह उस बस में सफर कर रही थी जो सैनिकों के बच्चों को लाने-ले जाने के लिए निर्धारित थी। दोनों दोषी उसी बस में एस्कॉर्ट के रूप में तैनात थे।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि बच्ची बस में आखिरी बार उतारी जाने वाली छात्रा थी। इसी दौरान दोनों आरोपियों ने उसका यौन उत्पीड़न किया। बच्ची के चिल्लाने पर मामला सामने आया।
विशेष अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सह पॉक्सो अदालत की जज प्रणति पटनायक ने दोनों दोषियों को उनके प्राकृतिक जीवनकाल की समाप्ति तक जेल में रहने की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक नारायण पांडा ने बताया, “यदि वे जुर्माना नहीं चुकाते हैं, तो उन्हें छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी।”
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि पीड़िता को 10.50 लाख का मुआवजा दिया जाए, जिसमें दोषियों से वसूले गए जुर्माने की राशि भी शामिल होगी। कोर्ट ने डॉक्टर, बस चालक, पुलिसकर्मियों सहित कुल सात गवाहों के बयान और चिकित्सीय रिपोर्ट के आधार पर दोषसिद्धि तय की।
जानकारी के अनुसार, दोषियों में एक 30 वर्षीय हवलदार गुजरात का रहने वाला है। दूसरा आरोपी 37 साल का है। वह ओडिशा के देवगढ़ जिले का निवासी है। घटना के बाद बच्ची ने घर पहुंचकर अपने माता-पिता को पूरी आपबीती सुनाई। परिवार ने उसे अस्पताल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने यौन उत्पीड़न की पुष्टि की। इसके बाद बच्ची की मां ने 3 जनवरी को एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी (बेहरामपुर) सरवना विवेक एम. ने जांच की जिम्मेदारी एक महिला निरीक्षक को सौंपी थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved