
देहरादून । उत्तराखंड (Uttrakhand) के चमोली में ग्लेशियर (Glacier) टूटने से बड़ा हादसा हो गया. कई लोगों की जान चली गई. अभी भी 100 से अधिक लोग लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) रात में भी जारी है. इस बीच खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है. अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में जिलाधिकारी (डीएम) ने एहतियातन टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि चमोली (Chamoli) हादसे के वक्त मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालत न पैदा हो जाए, इसलिए बांध के पानी को रोक दिया गया था. हालांकि, अब उसी बांध के पानी को बड़ी सावधानी से छोड़ा जा रहा है क्योंकि बांध के ऊपर झील में भी पानी जमा हो गया है. हालांकि, किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है. इस बीच सोमवार को DRDO एक्सपर्ट की एक टीम उत्तराखंड पहुंचेगी. ये टीम चमोली में हादसे वाली जगह का मुआयना कर स्थिति का आकलन करेगी. DRDO एक्सपर्ट की टीम आसपास के ग्लेशियरों का भी अध्ययन करेगी.
बता दें कि उत्तराखंड एक बार फिर भीषण त्रासदी से जूझ रहा है. यहां रविवार सुबह करीब 10 बजे जोशीमठ में तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूट गया. इस हादसे के बाद से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ के चलते अफरातफरी मच गई. कई लोग इस नदी में बह गए. नदी किनारे गांवों को नुकसान हुआ.
इस आपदा से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है. इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं. जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने कहा कि पावर प्रोजेक्ट बर्बाद हो चुका है. पूरी नदी मलबे में तब्दील हो गई है और मलबा धीरे-धीरे बह रहा है.
उधर हादसे के बाद दिल्ली से लेकर राज्य सरकार अलर्ट हो गई. आईटीबीपी, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर रवाना कर दी गईं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी कर दिया गया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जायजा लेने पहुंच गए. गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को मॉनिटर करने लगा. शाम होते-होते सेना और वायुसेना को भी मुस्तैद कर दिया गया. खुद गृह मंत्रालय पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनीटर कर रहा है.
इस बीच एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया. अलकनंदा का पानी का बहाव रोका जा सके, इसलिए श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम को खाली करा दिया गया. बताया गया कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है, लेकिन बहाव कम होता जा रहा है.
पीएम मोदी और अमित शाह हालात पर नजर बनाए हुए हैं. खुद पीएम ने चार बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन किया. उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया. संपर्क के लिए हेल्पलाइन (Uttrakhand Helpline) नंबर 1070 या 9557444486 भी जारी कर दिया गया.
इस आपदा से निपटने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार की पूरी मशीनरी मिशन मोड में जुटी है. नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी (NCMC) ने चमोली ग्लेशियर आपदा पर एक रिव्यू मीटिंग की. NDRF सूत्रों के मुताबिक रेस्क्यू में लगी सभी एजेंसी कोआर्डिनेशन के साथ काम कर रही हैं. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय कंट्रोल रूम में सब कुछ मॉनिटर कर रहे हैं.
इस आपदा के बाद यूपी में भी अलर्ट जारी किया गया है. गंगा किनारे वाले जिलों में प्रशासन को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. यूपी के बिजनौर, कन्नौज, फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
ITBP के मुताबिक रैणी गांव में कम से कम तीन पुलों के ढहने के कारण आईटीबीपी की बॉर्डर पर कुछ चौकियों से संपर्क टूट गया है. जो पुल ढहे हैं, उनमें से एक सीमा सड़क संगठन (BRO) का है. पानी के बहाव में कई मवेशी भी बह गए.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved