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बुलेट ट्रेन से भी तेज रफ्तार से चलती है वंदे भारत, जानिए

नई दिल्ली। भारतीय रेल (Indian Railways) देश में विभिन्न स्थानों की दूर कम करने के लिए ट्रेनों की स्पीड (speed of trains) बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। दूरी कम करने के लिए नई रेल लाइनें (new train lines) भी बिछाई जा रहीं हैं। वहीं देशमें बुलेट ट्रेन का काम भी बहुत तेज गति से चल रहा है। ऐसी उम्मीद है कि साल 2024 तक देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मौजूदा समय की बात करें तो देश में कई ट्रेनें (India top speed train) हैं जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक तेजी से दौड़ती हैं। इसमें टॉप पर वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) से लेकर दूरंतो एक्सप्रेस (Duronto Express) तक शामिल है।



आपको बता दें कि स्वदेशी तकनीक से विकासित भारतीय रेल की सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किलोमीटर की रफ्तार तक पहुंचने में विदेशी बुलेट ट्रेन से भी तेज है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि शून्य से सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पाने में बुलेट ट्रेन को जहां 55.4 सेकंड लगता है, वहीं वंदे भारत इस रफ्तार को मात्र 54 सेकंड में पा लेती है।

रेलवे अधिकारियों की माने तो वंदे भारत काफी अपग्रेड है। यही कारण है कि इसकी रफ्तार बेहतर है। यह इंजन नहीं बल्कि स्वचालित मोटरों की सहायता से चलती है। 16 कोच वाली इस ट्रेन के पांच कोच में मोटर लगी होती हैं। स्वचलित मोटरों की मदद से त्वरित रफ्तार अधिक है। बुलेट ट्रेन के आगे लगे एक इंजन पर वंदे भारत के पूरे ट्रेन में लगी 20 मोटर ज्यादा कारगर होती है।

अभी वंदे भारत ट्रेन की गति 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है। नया वर्जन 180 किमी प्रतिघंटा होगा। जबकि चरणबद्ध तरीके से 2025 तक अपग्रेड वर्जन 260 किमी प्रतिघंटा से दौड़ेगी। इससे दिल्ली से पटना तक की दूरी महज 4-5 घंटों में तय हो जाएगी। अभी राजधानी एक्सप्रेस को 12 घंटे से अधिक समय लगता है।

देशभर में 400 सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलेंगी
रेलवे बोर्ड देशभर में 400 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को चलाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जापान, फ्रांस, चीन, जर्मनी आदि देशों की तर्ज पर उच्च क्षमता की विद्युत लाइनें (2 गुणा 25) बिछाई जा रही हैं।

राजधानी को लगता है 1.5 मिनट का समय
राजधानी, शताब्दी, दुरंतो भी एक इंजन के सहारे चलती है। ऐसे में शून्य से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ने में इन ट्रेन को 1.5 मिनट का समय लगता है। हालांकि, रेलवे ने कुछ ट्रेन में आगे और पीछे इंजन लगाकर पिकअप तेज किया है।

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