
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में वंदे मातरम् (Vande Matram) की 150वीं वर्षगांठ पर बहस की शुरुआत की। वंदे मातरम् को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) और जवाहर लाल नेहरू को एक बार फिर कटघरे में खड़ा किया।
वंदे मातरम् को लेकर जानिए सदन में पीएम मोदी की बड़ी बातें…
- पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की रचना के 150 साल पूरा होने पर लोकसभा में विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, ‘वंदे मातरम् का स्मरण करना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है, हम ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।’
- लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, वंदे मातरम् केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं है, यह भारत माता को उपनिवेशवाद के अवशेषों से मुक्त करने के लिए एक पवित्र युद्धघोष था।’
- संसद में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् के टुकड़े किए। ये उसका तुष्टीकरण की राजनीति को साधने का ये तरीका था। तुष्टीकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे के लिए झुकी। इसलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए भी झुकना पड़ा था।’
- पीएम मोदी ने कहा, ‘मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1936 को वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया था। इसको लेकर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा था। बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही जांच पड़ताल करना शुरू कर दिया।’
- कांग्रेस नेताओं की ओर देखते हुए पीएम मोदी ने सदन में कहा, ‘जब वंदे मातरम् के 100 साल हुए थे, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था।’
- पीएम मोदी ने कहा, ‘आपातकाल हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था। अब हमारे पास वंदे मातरम् की महानता को पुनर्स्थापित करने का अवसर है। मेरा मानना है कि इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।’
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सदी में व्यापक भावनात्मक जुड़ाव के बावजूद वंदे मातरम् के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि इसका इतिहास युवा पीढ़ी के साथ साझा किया जाना चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा, ‘वंदे मातरम् के टुकड़े करने के फैसले में नकाब यह पहना गया कि यह तो सामाजिक सद्भाव का काम है। लेकिन, इतिहास इस बात का गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए और मुस्लिम लीग के दबाव में यह किया गया। यह कांग्रेस का तुष्टीकरण की राजनीति को साधने का एक तरीका था।’
- मुस्लिम लीग के विरोध और एम.ए. जिन्ना के रुख का जिक्र करते हुए पीएम मोदी कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस के सामने इस संदर्भ में चिंता व्यक्त की थी। आनंदमठ ने इस गीत का दृढ़तापूर्वक समर्थन करने के बजाय यह तर्क दिया था कि इससे मुस्लिम भावनाएं आहत हो सकती हैं।
- पीएम मोदी ने कहा, ‘वंदे मातरम्, सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था। सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था। यह आजादी की लड़ाई थी, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी। मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी।’